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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 4 Aug 2020 4:01 PM |   536 views

कोरोना दोहे

“डॉ 0 भोला प्रसाद आग्नेय, (75) पूर्व प्रवक्ता , बलिया, निष्पक्ष प्रतिनिधि के लेखक है और इस समय कोरोना से ग्रसित है , प्रस्तुत हैं उनकी कुछ पंक्तिया covid – 19 पर —–
 

कोरोना की कृपा से, मैं बन गया अछूत

निजी परिवार के लिए, जैसे जिन्दा भूत
रहते थे जो पास में, सभी हो ग‌ए दूर
कोरोना से भी कहीं, हुआ ज़माना क्रूर
ना कोई है पूछता, डाक्टर चाहे नर्स
 
वो इलाज के नाम पर,भरते अपना पर्स
ठीक हो जाने पर भी, मिले किसी से नैन
सोच कोरोना को वह, हो जाता बेचैन
फैलाया महामारी, चीन बहुत ही नीच
पटक-पटक मारो उसे,भरी सभा से खींच
 
 
 
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