Thursday 6th of November 2025 05:57:52 PM

Breaking News
  • भगदड़ विवादों के बीच विजय का ऐलान ,2026 में जीतेंगे चुनाव ,कोई रोक नहीं पाएगा|
  • सेना को राजनीति में मत घसीटों ,राजनाथ सिंह को राहुल गाँधी को दो टूक|
  • मिर्ज़ापुर में कार्तिक पूर्णिमा से लौट रही 6 महिलाओं की ट्रेन से कटकर मौत |
  • मारुती सुजुकी ने घरेलू बाज़ार में तीन करोड़ की बिक्री का आंकड़ा पार किया |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 20 Jul 2020 7:21 PM |   582 views

ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवि यशपाल ने समां बाँधा

 
नयीदिल्ली -आज हिंदी साहित्य परिषद एवं सामाज्ञा हिंदी दैनिक के सम्मिलित योगदान से श्रावण मास में ‘सावन की फुहार’ विषय पर ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दिल्ली के विचारक, लेखक कवि यशपाल सिंह चौहान ने बेहतरीन काव्य पाठ से सभी को भाव-विभोर और बन्द हाथों को खोलने पर मजबूर कर दिया।
 
इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में लगभग सभी प्रदेशों के राष्ट्रीय स्तर के  कवियों/ कवयित्रीयों ने अपनी अपनी रचनाओं से समां बांध दिया। यशपाल सिंह चौहान ने अपने काव्यपाठ की शुरूआत एक मुक्तक से की उन्होंने बोला
 
“बहारों से करों बातें, मधुर बरसात आई है
धरा पर फैली हरियाली, गगन को आज भाई है
बहुत खुश ये नजारे हैं जो सावन दे रहा सबको
इसी सावन के मौसम में घटा घिर घिर के छाई है”
 
उसके बाद गीत
“घुमड़ घुमड़ बदरा जब आते
 देख उन्हें बहु मन हर्षाते
 नाचे मोर पपीहा गाये
चहक- चहक कर पास बुलाते”
 
मानो बादल सभी को सावन का आमंत्रण दे रहे हो। कवि सम्मेलन की विशेषता रही कि सभी ने श्रावण मास में गाये जाने वाले  सावन गीतों  को ही गया गया। प्रयागराज की श्रीमती मधु शंखधर ‘स्वतंत्र’ जी ने कजरी बहुत मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत की।
 
राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन  अनिल राय, cmd, समाज्ञा हिंदी दैनिक तथा हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष  तारक नाथ दुबे और  संजय शुक्ला, महासचिव ने किया| कार्यक्रम मंच का  संचालन नन्दिनी प्रणय, मौसमी प्रसाद और किसलय कुमारी द्वारा किया गया । 
 
 
 
 
 
Facebook Comments