भारतीय सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन- मीना कुमारी
मुम्बई – अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों को लुभाने वाली मीना कुमारी ट्रेजडी क्वीन के नाम से फ़िल्मी दुनिया में मशहूर हुई |बेहतरीन अदाकारा के अलावा वो उमदा शायर भी थीं | 1 अगस्त1932 को मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में मीना कुमारी का जन्म हुआ था | इनकी माँ ( इकबाल बानो) और पिता(अलीबक्श )ने इनका नाम महजबीं बानो रखा | महज़बीन सात साल की उम्र से ही वो फिल्मों में काम करने लगीं। बेबी मीना के नाम से पहली बार उन्होंने फिल्म फरज़द-ए-हिंद की थी।
15 साल बड़े शादीशुदा कमाल अमरोही पर जब मीना का दिल आया, तो वह सिर्फ 19 की थीं. फिर भी दोनों ने शादी कर ली। लेकिन ये खुशी के पल ज्यादा दिनों तक नहीं रह सके। निजी जिंदगी में दोनों की परेशानियां बढ़ती ही रहीं और आखिरकार एक दिन दोनों अलग हो गए। उनकी ये शादीशुदा जिंदगी केवल आठ साल तक ही चल सकी। इसके बाद भी दोनों एक दूसरे को काफी प्यार करते थे। लेकिन ये सच्चाई दोनों की जुबान पर दोबारा नहीं आ सकी। हालांकि इसको वो रोक भी नहीं सके और 1964 में दोनों ने फिर शादी कर ली। लेकिन इसमें मजहबी नियम आड़े आ गए। इसके लिए मीना कुमारी को पहले जीनत अमान के पिता उल्ला खान से निकाह करना पड़ा। एक महीने बाद मीना कुमारी और अमान का तलाक हुआ। फिर अमरोही ने उनसे दोबारा निकाह किया। लेकिन इस वक्त तक मीना कुमारी शराब की इस कदर आदी हो चुकी थीं कि इसके बिना गुजारा भी मुश्किल था।पाकीजा फिल्म को जैसे तैसे उन्होंने पूरा किया |हालांकि इसमें 16 वर्ष लग गए। पाकीजा रिलीज हुई और दर्शकों के दिलों तक उतर गई। लेकिन इसी दौरान मीना कुमारी बुरी तरह बीमार पड़ गईं। ज्यादा शराब पीने की वजह से उनके लीवर खराब हा गए थे। इस फिल्म के सफल होते-होते हर किसी की जुबान पर मीना कुमारी और राजकुमार के इश्क के चर्चे हर जुबान पर थे। मीना कुमारी का सफर 31 मार्च, 1972 को ठहर गया।
मीना कुमारी की बेहतरीन फिल्मे ” बैजूबावरा ,साहब बीवी और गुलाम ,लाल हवेली , सनम तमाशा ,मई चुप रहूंगी , दिल अपना प्रीत पराई , एक ही रास्ता ,काजल , मेरे अपने ,बहु – बेगम ,सांझ और सवेरा बेनजीर , जिन्दगी और ख्वाब ,पिंजरे के पंझी , मेंम साहिब , भाभी की चूडिया , लैदर फेस , बंदिश , अर्धागिनी थी |
1963 के 10वें फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में तीन फिल्में नॉमिनट हुई थीं और तीनों ही मीना कुमारी की थीं- मैं चुप रहूंगी, आरती , साहिब बीवी और गुलाम |