होली आई रे
लाल रंग सूरज से ,हरा रंग सावन से
लिए बसंती रंग ,उमंग मनभावन से
आज सुनहरे रंगों की डोली आई रे
आज दीवानों की रंगीली होली आई रे
लाल गुलाल हरे रंगों से भरी -भरी पिचकारी
खेलत फाग रसिया देवर ने भाभी पर दे मारी
रंग -बिरंगी अपनी हमजोली आई रे
आज दीवानों की रंगीली टोली आई रे
सरेह बीछे सरसों से रंग पीला ज्यो पीली चुनरिया
लिए अम्बर से आसमानी नीला धरा से हरी घघरिया
रंग बिरंगी रंगीली टोली आई रे
आज दीवानों की होली आई रे
( डॉ तारा सिंह ‘अंशुल ‘)
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