हिन्दी पखवाड़ा का समापन समारोह संपन्न
नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय , नालंदा के हिन्दी पखवाड़ा
का समापन समारोह संपन्न हुआ।
हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव “परिचय दास” ने कहा – “पखवाड़े के दौरान कविता , भाषण, निबंध , अनुवाद एवं टंकण प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें छात्र एवं गैर शैक्षणिक संवर्ग के प्रतिभागियों ने भागीदारी की। पहली बार भाषा एवं सृजन कार्य शाला का आयोजन हुआ जिसमें भाषा एवं साहित्य के विविध व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। पूरे महाविहार में हिन्दी के सृजनात्मक वातावरण को सृजित करने का यत्न किया गया।
राष्ट्रभाषा , राजभाषा, लोकभाषा : तीनों रूपों में इस पखवाड़े में हिन्दी को महाविहार में आगे बढ़ाने का यत्न किया गया। इसमें नव नालन्दा महाविहार के आचार्यों को प्रतियोगिताओं का निर्णायक बना कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई, उनका तादात्म्य प्राप्त किया गया तथा प्रतियोगिताओं को पारदर्शी बनाया गया। आचार्यों ने अपनी कविताओं का पाठ भी किया।”
प्रो. वैद्यनाथ लाभ , कुलपति ने कहा -” इस तरह के आयोजन एक नई गतिशीलता उत्पन्न करते हैं। प्रतिभागियों में एक रचनाशीलता का भाव पैदा होता है । जब भी हिन्दी का ज़िक्र आता है , हिन्दी और आगे बढ़ जाती है। हमारे लिए हिन्दी केवल भाषा नहीं है, वह हमारा अस्तित्व है। वह हमें समूची अभिव्यक्ति देती है। अगर नव नालन्दा महाविहार के आचार्य ,छात्र तथा गैर शैक्षणिक सदस्यों में लेखन से अभिव्यक्त करने की प्रवणता की अभिवृद्धि हो तो यह एक बड़ा व सकारात्मक क़दम होगा। यही बात इस संस्थान को आगे बढ़ाएगी। नव नालन्दा महाविहार में हिन्दी पखवाड़े से हिन्दी के विकास की एक नई चेतना आयी है।”
संचालन एवं धन्यवाद- ज्ञापन डॉ. हरे कृष्ण तिवारी ने किया। उन्होंने सबके प्रति आभार प्रकट किया तथा कहा कि सभी के निष्ठाशील अवदान से हिन्दी पखवाड़ा को इतनी बड़ी सफलता मिली है।
अग्रेज़ी के सहायक आचार्य भीष्म कुमार की कविता-पुस्तक -“तुलसी: द हर्ट ऑव माई ओल्ड लेडी” का लोकार्पण माननीय कुलपति महोदय प्रो. वैद्यनाथ लाभ, प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव “परिचय दास”, डॉ. हरे कृष्ण तिवारी, डॉ. श्रीकांत सिंह, डॉ. अनुराग शर्मा द्वारा किया गया, जिसमें कवि की भी भागीदारी थी।
कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ. धम्म ज्योति ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
समापन समारोह में नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय के आचार्य , शोधछात्र, छात्र, हिन्दी प्रेमी तथा गैर शैक्षणिक संवर्ग के सदस्य उपस्थित थे।
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