एक थी रनिया
रनिया -ओ -रनिया की मर्मभेदी आवाज से मोहल्ले की गलियो की दीवारों को छुती हुई सतिया की आवाज रोज ही सबको सुनाई देती थी |बदहवास ,विछिप्त सतिया की नजरे इधर
रनिया -ओ -रनिया की मर्मभेदी आवाज से मोहल्ले की गलियो की दीवारों को छुती हुई सतिया की आवाज रोज ही सबको सुनाई देती थी |बदहवास ,विछिप्त सतिया की नजरे इधर
रनिया -ओ -रनिया की मर्मभेदी आवाज से मोहल्ले की गलियो की दीवारों को छुती हुई सतिया की आवाज रोज ही सबको सुनाई देती थी |बदहवास ,विछिप्त सतिया की नजरे इधर