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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 24 May 2022 6:16 PM |   525 views

‘ कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता अनुमन्य

संत कबीर नगर- जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होने की स्थिति में उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘‘मुख्य कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’’ के अन्तर्गत प्रदेश के खातेदार/सहखातेदार अथवा उ0प्र0 राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा प्रस्थापित संहिता की सुसंगत धाराओं में उल्लिखित निजी पट्टेदार/बटाईदार  जिनकी मृत्यु यदि आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करेन्ट लगने, सॉंप के काटने, जीव-जन्तु/जानवर द्वारा काटने/मारने/आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने, आंधी-तुफान, वृक्ष से गिरने/दबने, मकान गिरने,रेल/रोड़/वायुयान/अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू-स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावंश मृत्यु/दिव्यांगता होती है, तो कृषक/विधिक वारिस/वारिसों को इस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता अनुमन्य होगी। 
 
उन्होंने बताया कि कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होने पर, कृषक/विधिक वारिस/वारिसों को आवेदन पत्र निर्धारित प्रमाण पत्रों/प्रपत्रों को पूर्ण कराकर, दो प्रतियों में (मूल प्रति एवं छायाप्रति) अधिकतम डेढ़ माह (45 दिन) की अवधि में सम्बन्धित तहसील कार्यालय में जमा कराना होगा।
 
अपरिहार्य परिस्थित में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अवधि को 01 माह तक बढ़ाने का अधिकार जिलाधिकारी को निहित होगा। किसी भी दशा में ढाई माह (75 दिन) के पश्चात् आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा।
 
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