कौशिकी नृत्य
आज से लगभग सात हजार वर्ष पूर्व सदाशिव ने मानव कल्याण के लिए भौतिक , मानसिक आत्मीय उन्नति के लिए तांडव का प्रतिपादन किया था |यह नृत्य सिर्फ पुरुषों के लिए ही है | आनंद मूर्ति जी ने सन 1978 को पटना में कौशिकी नृत्य का प्रतिपादन किया जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उन्नति के लिए सहायक है |
इसके नियमित अभ्यास से महिलाओं में 22 रोगों को उपचार हो जाता है |पुरुषों के लिए भी यह समान रूप से लाभकारी है | 6 सितम्बर को हर वर्ष पूरी दुनिया में कौशिकी दिवस मनाया जाता है |यह नृत्य सहज और सरल है, कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से सीख सकता है |
( नरसिंह )
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