यास तूफान से बलिया भी हो रहा प्रभावित

आज 26 मई को काले घने बादलों के साथ-साथ कही- कही बूंदाबादी का सिलसिला रूक रूक कर शुरू हो गया है।, धरातल पर गर्मी की वजह से वह नमी बादलों में तब्दील कर दिया है ,जिसके चलते बूंदाबादी शुरू हो गयी है और फिर 27 से रूक-रूक कर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला चलेगा जो 29 मई को जाकर थमेगा।
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष ,प्रोफेसर (डा.) रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि किसान भाई मौसम की जानकारी सदैव लेते रहे तथा मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रख कर खेती सम्बंधित कार्य करें। यदि किसी फसल मे सिंचाई की आवश्यकता हो तो यास तुफान को देख ले ,बर्षा होने पर सिंचाई की आवश्यकता नही होगी। खेत की गहरी जुताई नही कर पाये हो तो अभी रुक जाये क्योकि बरषा होने पर पुनः खरपतवार उग आयेंगे। बर्षा होने के बाद मौसम ठीक होने पर भूमि जुताई योग्य होने पर गहरी जुताई करने से बर्षा के कारण उगे हुए खरपतवार धूप से नष्ट हो जायेंगे। धान की नर्सरी हेतु खेत की तैयारी कर प्रजातियों के अनुसार नर्सरी डालें।

पपीता एवं अन्य नाजुक छोटे पौधों की जड़ों पर मिट्टी चढा दे जिससे जड़ के पास पानी एकत्र न हो। ज्यादा मौसम खराब होने ,बर्षा होने , बिजली चमने पर घर से बाहर न निकले, पेड़ के नीचे न रहे।खराब मौसम में पशुओं को भी (पशुबाड़े) घर में रखे। मौसम ठीक होते ही खरीफ फसलों की तैयारी में युध्द स्तर पर जुट जाये।
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