Friday 17th of May 2024 12:15:11 PM

Breaking News
  • बाहर से समर्थन वाले बयान पर ममता का यू टर्न कहा – मैंने ही INDIA ब्लाक बनाया , गठबंधन में ही रहेगी TMC|
  • हम उनके साथ खड़े हैं — स्वाति मालीवाल को लेकर आया प्रियंका गांधी का बयान |
  • केरल में बढ़ेगी बारिश , IMD ने कई जिलो के लिए ” ऑरेंज अलर्ट जारी किया |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 13 Jun 4:09 PM |   277 views

ड्रम सीडर द्वारा धान की सीधी बुआई करे किसानः प्रो मौर्य

धान की रोपाई मे काफी लागत एवं श्रमिको की कमी के कारण किसानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं तथा लाभ कम ले पाते हैं ।लागत कम करने हेतु    ड्रम  सीडर  का प्रयोग काफी उपयोगी है।

आचार्य  नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष  प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि धान की सीधी बुवाई वाली एक मशीन का निर्माण वैज्ञानिको द्वारा  किया गया है,जिसे  पैडी ड्रम सीडर कहते है। जो किसान भाई किसी कारण से धान की नर्सरी नही डाल पाये है वे धान की कम अवधि की प्रजाति की बुआई सीधे ड्रम सीडर से सीधे 15 जुलाई  तक कर सकते है। यह अत्यन्त सस्ती एवं आसान तकनीक है।  इसकी वनावट बिल्कुल आसान है।

यह  मानव चालित 6 किग्रा वजन एवं 170 सेंटीमीटर लंबी मशीन है ।बीज भरने  के लिए  चार से छः प्लाष्टिक के खोखले ड्रम लगे रहते है जो एक बेलन  पर बधे रहते है। ड्रम मे दो पंक्तियों पर 9 मिलीमीटर व्यास के छिद्र बने होते हैं । ड्रम की एक परिधि मे बराबर दूरी पर कुल 15 छिद्र होते हैं , 50% छिद्र बंद रहते हैं ।बीज का गिराव गुरुत्वाकर्षण के कारण इन्ही छिद्रो द्वारा होता है ।  बेलन के दोनों किनारों पर  पहिये लगे होते हैं ।इनका व्यास 60सेंटीमीटर होता है ताकि ड्रम  पर्याप्त ऊंचाई पर रहे। मशीन को खींचने के लिए एक हत्था लगा रहता है।आधे छिद्र बंद रहने पर मशीन द्वारा सूखा बीज दर 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है ।

पूरे छिद्र खुले होने पर 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।प्रत्येक ड्रम  के लियेे  अलग-अलग ढक्कन बना होता है जिसमे  बीज भरा जाता है।मशीन में पूर्व अंकुरित धान का बीज प्रयोग में लाते है। बुआई के समय  लेव लगे हुए समतल खेत मे 2 से 2.5 इंच पानी होना आवश्यक है। एक  दिन मे  ड्रम  सीडर से 1से 1.40 हैक्टेयर  खेत मे  बुवाई की जाती है।  ड्रम सीडर की उपयोगिता धान की रोपाई न करने से बढ़ जाती है। नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है । 20 सेमी.की दूरी पर पंक्तिबद्व बीज का जमाव होता है । जिससे फसल का विकास अच्छा होता है तथा निराई व अन्य क्रियाओं मे सुगमता होती है। फसल सुरक्षा पर कम ब्यय आता है। फसल 10 से15 दिन पहले पक  जाती है।जिससे अगली फसल  गेहूँ की बुआई  समय से संभव होती है। और उसका उतपादन अच्छा मिलता है । पहली सिचाई 3-4 दिन बाद ,हल्की एवं धीरे धीरे सायंकाल करे ।

Facebook Comments