बैमौसम बरसात से हानि ज्यादा , लाभ कम
बलिया – पूर्वांचल में बार -बार बारिश होने से नुकसान ही नुकसान हो रहा है। जितना जल्दी हो सके फसलों की कटाई मड़ाई कर घरो में अनाजों का भण्डारण सुखाकर ही करें। नमी अनाज में 10 प्रतिशत से ज्यादा न हो ।
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि पूर्वी उ.प्र. मे लतावर्गीय सब्जियों लौकी, कद्द्,नेनुआ, करेला, खीरा ,ककडी़, खरबूजा तरबूजा तथा टमाटर मे फल आ गये है तथा जिसमें जल्द सिचाई किया गया है। उसमें पौधो के साथ-साथ फलोंं को भी क्षति होगी। प्याज व लहसुन को हानि होगी, कंद सड़ सकता है। लगातार बर्षा होने से सभी सब्जियों मे जड़ सड़न बीमारियों का प्रकोप होगा। मूँग मे फूल आ गया है तो उसे नुकसान होगा। आधी तुफान बरषात ओलाबृष्टि से आम के फलो को गिरने की ज्यादा संम्भावना है। सभी फसलों मे खेत से पानी निकास की व्यवस्था सुनिश्चित करे। मौका मिलते ही खाली खेत की गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
इससे मिट्टी मे छिपे हानिकारक कीट एवं जीवाणु धूप लगने से मर जायेंगे।यह जुताई खरीफ फसलों के लिये काफी लाभकारी होगा। धान की नर्सरी डालने हेतु खेत की तैयारी करे। करोना का ध्यान रखे आपसी दूरी 1-2 मीटर बनाये रखे। कम से कम 20 सेकेन्ड तक साबून से हाथ धोये। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले।