हिंदी हमें जोड़ती है, यही हमारी सांस्कृतिक पहचान है – राजेश बडोरिया

कार्यशाला का उद्देश्य केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, बैंकों, बीमा कंपनियों तथा उपक्रमों में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को गति प्रदान करना था। इस अवसर पर राजभाषा नीति, सामान्य बैंकिंग टिप्पण, अनुवाद तथा ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें गोंडा नगर स्थित विभिन्न कार्यालयों के प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
उद्घाटन सत्र में इंडियन ऑयल डिपो प्रबंधक सत्येंद्र कुमार ने समिति अध्यक्ष एवं इंडियन बैंक अंचल प्रमुख राजेश बडोरिया तथा अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति की तरह सबको एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है।
समिति के अध्यक्ष राजेश बडोरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है और प्रत्येक व्यक्ति अपने विचारों की अभिव्यक्ति मातृभाषा में सहजता से करता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा राजभाषा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र की पहचान उसकी भाषा से होती है और हिंदी को संघ की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए, साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं के गौरव को भी संरक्षित रखना आवश्यक है।
कार्यशाला के दौरान सदस्य सचिव डॉ. अंजनी कुमार पांडे ने भारतीय संविधान में राजभाषा से संबंधित प्रावधानों और नीतियों पर विस्तृत जानकारी दी तथा कार्यालयों में वार्षिक कार्यक्रम के अनुरूप हिंदी के प्रयोग पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन भी डॉ. पांडे ने ही किया।
इस आयोजन से प्रतिभागियों में हिंदी के प्रति जागरूकता और उत्साह बढ़ा तथा राजभाषा के प्रयोग को और अधिक प्रभावी बनाने का संकल्प लिया गया।
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