Wednesday 10th of December 2025 08:36:00 AM

Breaking News
  • नवजोत कौर सिद्धू को कांग्रेस ने किया निलम्बित ,लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप |
  • एक लाख लोग करेंगे कुरान का पाठ ,TMC के निलम्बित विधायक ने दिया बड़ा बयान |
  • सेबी ने मर्चेंट बैंकर से संबंधित नियमों में किया बदलाव| 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 8 Dec 2019 1:32 PM |   1478 views

फिल्म “बंकर” में रेखा भारद्वाज का शानदार गीत “लौट के घर जाना है “

फिल्मकार जुगल राजा पहली युद्ध विरोधी फिल्म ‘‘बंकर’’ लेकर आ रहे हैं, जिसमें कश्मीर के पुंछ में सीमा पर तैनात लेफ्टिनेंट विक्रम सिंह के जीव की कथा है. जो सीजफायर (युद्धविराम) उल्लंघन के दौरान एक गुप्त बंकर में मोर्टार शेल से गंभीर रुप से जख्मी होने के बावजूद अकेले जिंदा रहते हैं. देश की सुरक्षा में सीमा पर तैनात जवानों से प्रेरित इस फिल्म को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में व्यापक तौर पर सराहा जा चुका है|

यह फिल्म कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाती है. मसलन सैनिकों के परिवारों की मानसिक दशा, उनके आपसी रिश्ते और किस तरह सीमा पर तनाव की सबसे बड़ी कीमत एक जवान और उसके परिवार को चुकानी पड़ती है|

‘‘वैगिंग टेल एंटरटेनमेंट’’ द्वारा प्रस्तुत और ‘‘फाल्कन पिक्चर्स प्रोडक्शन’’ द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘बंकर’’ के एक गीत “लौट के घर जाना है को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित गायिका रेखा भारद्वाज ने अपनी दिल छू लेनेवाली आवाज में गाया है|

भारतीय सेना और उनके परिवारों को समर्पित 2020 के सबसे ज्यादा दिल को छू लेनेवाले इस शांति गीत का लोकार्पण करते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित गायिका रेखा भारद्वाज ने कहा- ‘‘गीत लौट के घर जाना है’ से बेहतर कोई गाना मैं चुन ही नहीं सकती थी. क्योंकि मैंने पहली बार एक ऐसा गाना गाया है, जिसमें एक राष्ट्रवाद की भावना झलकती है.इसके साथ ही इस फिल्म ‘बंकर’ को बनाने के लिए कई बेहतरीन लोग एक साथ आए हैं.” इस गाने के बोल शकील आजमी ने लिखे हैं और इसके लिए संगीत तैयार किया है कौशल महावीर ने |

फिल्म की चर्चा करते हुए फिल्म के लेखक निर्देशक जुगल राजा ने कहते हैं- ‘‘जंग में किसी की भी जीत नही होती है. फिर चाहे वह हमारी तरफ का सैनिक हो या दूसरे देश का, हमेशा जवान का परिवार ही नुकसान सहता है |

यह फिल्म और गाना सैन्य जीवन की इस वेदना पर प्रकाश डालते हैं.यह गाना फिल्म का अभिन्न अंग है और हमें यह भी लगता है कि रेखाजी केवल एक गायिका नही, बल्कि इस फिल्म का वह एक महत्वपूर्ण पात्र हैं. फिल्म का 95 फीसदी हिस्सा 12 बाय 8 फीट के बंकर में शूट किया गया है. सैनिक के दिमाग के लिए बंकर को प्रतीक के तौर पर इस फिल्म में इस्तेमाल किया गया है, जो हमेशा अपने देश के प्रति कर्तव्य और अपने परिवार के प्रति कर्तव्य को लेकर संघर्ष की स्थिति में रहता है. इस फिल्म के लिए मैंने काफी शोध किया. लेह से लेकर उत्तर पूर्व में तवांग तक यात्रा के दौरान सैनिकों से मिलकर उनसे बातचीत कर मैंने महसूस किया कि उनके परिवार भी अपनी ही तरह से जंग लड़ रहे थे और किसी भी तरह वो एक सैनिक से कम नहीं हैं|

Facebook Comments