देश को कहा ले जाना है यह हमारे युवा तय करेंगे- राजेश पाण्डेय


मुख्य वक्ता प्रो गौरव तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा आयोग का निर्माण इस भाव से हुआ था कि इससे निकले छात्र राष्ट्र निर्माण में नींव का कार्य करेंगे। आपने संयुक्त परिवार के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि परंपराओं और संस्कृति का निर्माण एक दिन में नहीं होता।भारतीय संस्कृति में चार प्रमुख तत्वों को महत्व दिया है।यह धर्म,अर्थ, काम और मोक्ष है। भारतीय समाज की एक प्रमुख विशेषता संयुक्त परिवार है।
ऐतिहासिक रूप से देखें तो रामायण संयुक्त परिवार के प्रेम का अनुपम उदाहरण है तो महाभारत पारिवारिक कलह का दूसरा प्रथम ग्रंथ है।आज परिवार को टूटने का प्रमुख आत्मकेंद्रित होकर सोचना है।अब हम सामूहिक होकर नहीं सोचते हैं यही वर्तमान की सबसे बड़ी विडंबना है। परिवार को संयुक्त रखने की सबसे बड़ी ताकत विश्वास है।जब विश्वास कम होता है तब परिवार टूटने लगता है।
विशिष्ट वक्ता डॉ शंभू दयाल कुशवाहा ने बताया कि जब लोग जीविकोपार्जन के उद्देश्य से अलग अलग स्थानों पर गए तो संयुक्त परिवार टूटने लगे।यह बहुत बार अनिच्छुक परिवर्तन होता है।कई बार ऐसा भी देखा गया है कि परिवार प्रत्येक सदस्य अलग अलग जगह रहते हैं।वस्तुतः संयुक्त परिवार की अवधारणा का मूल पोषण कृषि प्रधान समाज है। व्यंग्य करते हुए कहा कि अब संयुक्त परिवार शादी के निमंत्रण पत्र ही पढ़ने को मिलते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंडल अध्यक्ष कुशीनगर अनिल राव ने कहा कि स्वयंसेवक समाज की आशा के केंद्र बिंदु है।आप लोग विशेष शिविर में जो कुछ सीखते है उसका लाभ पूरे समाज को मिलता है।
मंचासीन अतिथियों का परिचय और स्वागत कार्यक्रम अधिकारी डॉ निगम मौर्य ने किया जबकि आभार ज्ञापन डॉ पारस नाथ ने किया।
इस अवसर पर डॉ दिनेश तिवारी,जिला पंचायत सदस्य नीतेश यादव,प्रियेश पाठक आदि की विशेष उपस्थिति रही।
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