Friday 19th of September 2025 03:35:36 AM

Breaking News
  • ऑनलाइन गेमिंग के कड़े नियम 1 अक्टूबर से लागू ,अश्विनी वैष्णव का बड़ा बयान |
  • स्टूडेंट्स क्रेडिट योजना को लेकर अधीर रंजन ने साधा निशाना ,कहा -मुफ्त की रेवड़ी |
  • भारत को बड़ा झटका लगा नीरज चोपड़ा वर्ल्ड चैंपियनशिप से हुए बाहर|
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 8 Mar 2025 5:39 PM |   465 views

एक नारी के रूप अनेक

नारी हूं अबला नहीं
मैं हूं प्यार की खान,
जो सच्चा मुझसे प्रेम करे
मै हूं उसपे कुर्बान ।
 
मैं ही जग की जननी हूं
हूं पुरुषों का अभिमान
पर, जो ना समझे मुझे
तो बचे ना उसका मान ।
 
मैं हूं बड़ी करुणामयी
हूं ईश्वर का वरदान
पर जो भी उलझाए मुझे
तो मिटा दूं उसकी शान ।
 
मैं तो हूं बड़ी शान्ति प्रिय
ना रखती किसी से होड़
पर, जो मुझको छेड़ दे
तो बचे ना उसकी छोर ।
 
मैं तो पीपल वृक्ष हूं
देती हूं सबको छांव
पर,जो ना समझे मुझे
चुभे कांटे उसके पांव ।
 
अंत में इतना ही कहूंगी कि—-
नारी प्रेम में राधा बनी
गृहस्थी में बनी सीता
पर, काली का भी रूप धरा
जब सम्मान इसका खींचा ।
 
नारी के लिए जो कांटा बोए
तो ये बोए भाला
ताकि दुष्टों को पता चले
पड़ा किसी से पाला ।
 
डॉ० संजुला सिंह “संजू”
जमशेदपुर
Facebook Comments