Friday 26th of September 2025 01:47:35 PM

Breaking News
  • लेह हिंसा के बाद एक्शन मोड़ में केंद्र सरकार , सोनम वांगचुक की संस्था का विदेशी फंडिंग वाला लाइसेंस कैंसिल ,CBI की टीम भी जाँच में जुटी |
  • आई लव मुहम्मद ट्रेंड पर भड़के मुख्तार अब्बास ,कहा – आस्था के नाम पर अराजकता ठीक नहीं |
  • बेंगलुरु के ट्रैफिक के लिए नहीं खुलेगा विप्रो का कैंपस ,अजीम प्रेमजी ने ठुकराई मुख्यमंत्री की मांग |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 5 Dec 2024 5:12 PM |   384 views

धर्मेंद्र प्रधान कल भारतीय सांकेतिक भाषा के लिए पीएम-ई-विद्या डीटीएच चैनल का शुभारंभ करेंगे

 नई दिल्ली -केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कल नई दिल्ली में भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के लिए पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल नंबर 31 का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

कार्यक्रम में श्रवण-बाधित (एचआई) बच्चे, उपलब्धियां प्राप्त करने वाले श्रवण-बाधित व्यक्ति, विशेष शिक्षक, आईएसएल प्रमाणित दुभाषिए और श्रवण- बाधित समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए काम करने वाले संगठन भाग लेंगे।

यह महत्वपूर्ण पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों का समर्थन करती है, जिसमें अधिक समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।

एनईपी के पैरा 4.22 में कहा गया है कि ‘भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को पूरे देश में मानकीकृत किया जाएगा, और श्रवण-बाधित छात्रों द्वारा उपयोग के लिए राष्ट्रीय एवं विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रमों की विषय-सामग्री तैयार की जाएगी। स्थानीय सांकेतिक भाषाओं का सम्मान किया जाएगा और जहां संभव और प्रासंगिक होगा, वहां पढ़ाया भी जाएगा।’

भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक विशेष पीएम-ई-विद्या चैनल की परिकल्पना आईएसएल को एक भाषा के साथ-साथ एक स्कूली विषय के रूप में बढ़ावा देने के लिए की गई है, ताकि बड़ी आबादी को भाषा सीखने की सुविधा मिल सके। यह चैनल स्कूली बच्चों (केंद्रीय और राज्यों के पाठ्यक्रम), शिक्षकों, शिक्षक प्रशिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए करियर संबंधी मार्गदर्शन, कौशल प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, कक्षा-वार पाठ्यक्रम सामग्री, संवाद कौशल के क्षेत्र में शिक्षण सामग्री का प्रसार करेगा।

इससे हिन्दी, अंग्रेजी आदि जैसी मौखिक भाषाओं की तरह सांकेतिक भाषा को भाषा के एक विषय के रूप में बढ़ावा मिलेगा

Facebook Comments