खाद की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया कि गोंडा जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और किसानों को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि खाद की कालाबाजारी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उनकी प्राथमिकता किसानों के हितों की रक्षा करना है और इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर कड़ा अंकुश लगाना है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार की शाम छपिया के ग्राम सकदरपुर में मे. सतीश खाद भंडार उर्वरक विक्रेता के यहां छापेमारी की गई।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान गोदाम में 51 खाली बोरी इफको ब्रांड तथा 1 सिलाई मशीन और इलेक्ट्रिक माप मशीन पाई गई, जबकि मे. सतीश खाद भंडार फुटकर उर्वरक विक्रेता इफको उर्वरकों के बिक्री हेतु अधिकृत नहीं है। दुकान पर मौजूद संदीप कुमार पूछताछ के दौरान मौके से फरार हो गए। इस दौरान इफको ब्रांड डीएपी की 110 बोरी, ग्रोमोर ग्रोप्लस ब्रांड एसएसपी दानेदार की 123 बोरी, डबल हार्स ब्रांड एसएसपी दानेदार की 6 बोरी और आईपीएल ब्रांड एमओपी की 1 बोरी मौके पर मिली।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस स्थिति में संदिग्ध स्टॉक इफको डीएपी ब्रांड से 2 नमूने और अन्य स्टॉक से 1-1 नमूना कुल 5 नमूने लेकर दुकानदार/विक्रेता सतीश कुमार के उपरोक्त उर्वरक स्टॉक को सीज कर लिया गया और अग्रिम आदेशों तक बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दुकान को सील कर दिया गया और सुरक्षा व्यवस्था के लिए दुकानदार की अभिरक्षा में सुपुर्द कर दिया गया। सतीश कुमार और उनके भाई संदीप कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
6,412 मेट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध-
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि वर्तमान रबी सीजन 2024 में अब तक फास्फेटिक उर्वरकों (DAP+NPK) की कुल उपलब्धता 12,483 मेट्रिक टन है, जिसमें से 6,071 मेट्रिक टन का वितरण कृषकों में किया जा चुका है। जनपद में 6,412 मेट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक वितरण से अवशेष है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को ही 866 मेट्रिक टन फास्फेट उर्वरक जनपद को प्राप्त हुआ है। इसकी निजी एवं सहकारी क्षेत्र में आपूर्ति की जा रही है।
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