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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 21 Oct 2024 5:58 PM |   382 views

महोबा स्थित गोरखगिरि पहाड़ी विशिष्ट ग्रेनाइट चट्टानों के लिए पर्यटकों की आकर्षण का केन्द्र-जयवीर सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित गोरखगिरि पहाड़ी पूज्य संत गुरु गोरखनाथजी की तपोभूमि रही है। यहीं वह अपने शिष्यों के साथ रहते थे। केंद्र सरकार ने यहां के पर्यटन विकास की पहल की है। विशिष्ट ग्रेनाइट चट्टान संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध इस पर्वत के साथ-साथ रहिलिया सूर्य मंदिर और कीरत सागर झील के आसपास पर्यटन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस स्थल का भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम  2.0 के तहत चयन किया गया।

पर्यटन मंत्री ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गोरखगिरि पहाड़ी के ऊपर, जो अपनी विशिष्ट ग्रेनाइट चट्टान संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इस साइट पर गुफाएं और झरने हैं, जो एक मनोरम प्राकृतिक परिदृश्य पेश करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग के रोमांच का आनंद ले सकते हैं, जबकि अन्य लोग प्राकृतिक परिवेश के बीच शांतिपूर्ण पिकनिक का विकल्प चुन सकते हैं।

साथ ही, यहां ग्रेनाइट से बना 9वीं शताब्दी का सूर्य मंदिर है। महोबा का समृद्ध इतिहास इसकी कई झीलों में परिलक्षित होता है, जिसमें कीरत सागर भी शामिल है। कीरत सागर झील को कीर्तिवर्मन ने 1060-1100 ई. के बीच बनवाया था। यह अपने प्रभावशाली ग्रेनाइट तटबंधों के लिए विख्यात है।

पर्यटन मंत्रालय ने इस योजना को नया रूप दिया है, जिसके तहत देश भर में टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के समग्र मिशन के साथ स्वदेश दर्शन 2.0 का शुभारंभ किया है।

वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ, स्वदेश दर्शन 2.0 नामक संशोधित योजना का उद्देश्य पर्यटन स्थल के रूप में भारत की पूरी क्षमता का उपयोग करके आत्मनिर्भर भारत प्राप्त करना है। इसका उद्देश्य पर्यटन और संबद्ध बुनियादी ढांचे, पर्यटन सेवाओं, मानव पूंजी विकास, गंतव्य प्रबंधन और नीति और संस्थागत सुधारों द्वारा समर्थित संवर्धन को कवर करते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक, आध्यात्मिक, ईको के साथ-साथ महत्वपूर्ण हेरिटेज साइट्स हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसमें महोबा जिले का नाम अग्रणी है। इस स्कीम के तहत हीरो पर्यटन आकर्षण का चयन करते हुए आसपास के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले स्थलों का चयन कर वहां का पर्यटन विकास कराया जाता है। उन्होंने बताया कि परियोजना के अंतर्गत प्रवेश द्वार, साइनेज, म्यूरल वाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरप्रेटेशन सेंटर और ओपेन एयर थिएटर सहित अन्य पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि योजना को मूर्त रूप देने के लिए तीव्र गति से प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया की अध्यक्षता में पर्यटन विभाग और वास्तुविदों की टीम ने साइट्स का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, योजना के तहत नैमिषाण्य, सीतापुर और प्रयागराज का चयन किया गया है। प्रदेश में तीसरी परियोजना के रूप में महोबा जिला चयनित किया गया है। 

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