Monday 22nd of September 2025 03:06:43 PM

Breaking News
  •  22 सितम्बर से लागू होंगी GST की नई दरें ,MRP देखकर ही करे खरीददारी |
  • उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित धराली के सेब उत्पादकों से उपज खरीदेगी |
  • H-1 B पर खडगे के खोखले नारे बयान पर भड़के पूर्व विदेश सचिव ,किरन रिजिजू ने कांग्रेस को घेरा | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 19 Jul 2024 4:34 PM |   242 views

डूबने से होने वाली मृत्यु के रोकथाम के लिए डीएम ने जनता से की अपील

 
कुशीनगर -जनपद के विभिन्न क्षेत्रों मे नदी, नहर, कुआँ, तालाब, गहरे गड्ढे, पोखर, आदि जलाशयों मे स्नान करने, जानवर नहलाने, या कपड़े धोने कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों द्वारा नदियों एवं तालाबों में नहाने के लिए/नदियों एवं तालाबों के पास अकेले छोड़ देना, सही व सटीक जानकारियों के बिना पानी में जाना जैसे रोज़मर्रे के काम के दौरान विभिन्न कारणों से अनजाने में बच्चों व्यस्क व्यक्तियों की डूबने से मृत्यु होती रहती है।
 
सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता के द्वारा इस अमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है।
 
डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के उपाय:
किसी भी खतरे से बचने या उसके प्रभाव को न्यून करने के लिए आवश्यक है,खतरा, खतरे की गंभीरता एवं उस खतरे को कम करने के उपायों को जानना, सहयोगियों की पहचान करना तथा आवश्यक ज्ञान व कौशल अर्जित करना एक साधारण उपाय है। डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए ‘क्या करें व क्या न करें’ का पालन करेंः-
 
क्या करेंः
• तेज धार या उफनायी हुयी नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में स्वयं एवं अपने स्वजनों को जाने से रोकें तथा ऊँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें।
 
नदी या जल निकाय के किनारों पर जाना और स्नान करना, यदि अति आवश्यक हो तो पानी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें।
 
यदि उस स्थान या घाट के आस-पास कोई सलाह या दिशा-निर्देश लिखें होंतो उनका पालन करें।
 
भली प्रकार तैरना जानते हों तभी पानी में उतरें/स्नान करें, अन्यथा स्थानीय प्रशासन द्वारा बताये गए स्नान करने के चिह्नित घाटों पर ही स्नान करें। बच्चों को यदि स्नान करना हो तो बड़ों की कुशल देख रेख में ही स्नान करने दें। कोशिश करें किसी नदी या जल निकाय मे सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें।
 
 
क्या न करें-
•नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल निकायों के पास लिखी हुयी चेतावनी की अवहेलना न करें।
 
•छोटे बच्चों को घाटों, जल निकायों के समीप न जाने दें।
 
•एकदम से अनजान एवं सुनसान नदियों, नहरों, तालाबों के घाटों पर स्नान करने न जायें।
 
किसी के उकसावे/बहकावे में आकार पानी में छलांग न लगायें|
 
•नदियों, नहरों या अन्य जल निकायों के घाटोंपर/किनारे पर पारंपरिक/धार्मिक/ सामाजिक रीति-रिवाजों/अनुष्ठान/संस्कारों का निर्वहन करते समय किसी भी तरह की असावधानी न बरतें।
 
• नदी, नहर या अन्य जल निकायों में कोई तैरती वस्तु या अन्य आकर्षक फूल इत्यादि के लालच में पड़कर उसे छूने/पकड़ने/तोड़ने न जायें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
 
• तैरना सीखने के लिए अकेले पानी में न जायें, किसी कुशल प्रशिक्षक या तैराक की देख-रेख में ही तैराकी सीखें।
 
•तैरते या पानी में स्नान करते समय स्टंट न करें या सेल्फी आदि न लें, ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
 
पानी में डूबते हुये व्यक्ति को बचाने हेतु ’क्या करें व क्या न करें’ –
 
• अगर आप भली प्रकार तैरना जानते हों और साथ ही साथ डूबते को पानी से बाहर लाने की कला जानते हों  तभी आप किसी को बचाने के लिए पानी में जाइये, अन्यथा आप के जीवन को भी खतरा हो सकता है।
 
• यदि आप के निकट पानी में कोई डूब रहा है तो आप उसे बचाने के लिए पानी के बाहर से जो भी उपलब्ध साधन जैसे बांस का टुकड़ा, रस्सी, कोई लंबा कपड़ा जैसे साड़ी, धोती बाहर से फेंककर डूबते हुये व्यक्ति को पकड़ने को कहें और उसे धीरे-धीरे बाहर खींच कर लाएँ।
 
• किसी को डूबता देखकर मदद के लिए शोर मचाएँ जिससे आस-पास के सक्षम लोग मदद कर सकें।
 
• डूबे हुये या डूबते हुये व्यक्ति को पानी से बाहर निकालने पर देखें कि वह व्यक्ति होश में है या नहीं। होश में रहने पर उससे सामान्य तरह से बात कर ढाढस बधाएँ, उसके नाक, मुह को देखें कि कुछ फंसा तो नहीं है, यदि है तो उसे निकालें और स्वच्छ पानी से साफ करें।
 
•प्रभावित व्यक्ति खाँसने/बोलने/सांस ले सकने कि स्थिति में है तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
 
•यदि प्रभावित व्यक्ति का पेट फूला हुआ है तो पूरी संभावना है कि उसने पानी पी लिया होगा। अतः पेट से पानी निकालने के लिए अगर कोई स्वयं सेवक प्रशिक्षित है तो उसकी मदद लें अन्यथा नजदीकी चिकित्सक को बुलायें या सुविधानुसार चिकित्सालय ले जायें।
 
• प्रभावित व्यक्ति को अविलम्ब नजदीकी चिकित्सालय ले जायें।
 
• चिकित्सालय ले जाने के लिए जो भी साधन मौके पर उपलब्ध हो उसका प्रयोग करें अन्यथा 102/108 पर फोन कर एंबुलेंस बुला लें ।
 
• स्नान करने के घाटों पर सुरक्षा उपकरण जैसे-लंबी व मजबूत रस्सी, बांस के लंबे टुकड़े, हवा भरे गाड़ियों के ट्यूब, लाइफबाय आदि सामग्रियों को रखें, जो आकस्मिक समय पर काम आयेंगी।
 
आकस्मिक स्थिति में हेल्पलाईन नम्बर-112 के अतिरिक्त जनपद कन्ट्रोल रुम 05564-240590 व टोल फ्री न0-1077 पर सर्म्पक करें।
 
 
 
Facebook Comments