पारा 44॰ पार, हर ओर मचा हाहाकार
गोंडा। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी व जानलेवा उमस के चलते जनपद में आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। अधिकांश ताल – तलैये और जलाशय या तो सूख गये हैं या फिर सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं। जिसके कारण भू-जलस्तर काफी नीचे खिसक गया है। पारा 45॰ पार पहुंचने से लोग ही नहीं पशु-पक्षी सभी पूरी तरह से बेहाल हो गये हैं। सड़कों पर दस बजे दिन में ही सन्नाटा पसर जाता है।लोग जब तक बहुत जरुरी न हो तब तक घर से बाहर निकलने से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन मजदूरी पेशा लोगों को इस भयंकर गर्मी में भी बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
बावजूद इसके जनपद के विभिन्न इलाकों में प्रशासन की ओर से न तो प्याऊ का इंतजाम किया गया है,और न ही छांव के लिये शेड बनाया गया है।जिसकी वजह से जहां राहगीरों व मजदूरी पेशा लोगों को मंहगी पानी की बोतलें खरीद कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है वहीं इस चिलचिलाती धूप में झुलसते रहने पर उन्हें मजबूर होना पड़ रहा है।
इस आग उगलने वाली धूप और लू के थपेड़ों के चलते सुबह 10 बजे से लेकर शाम 05 बजे तक गाँव, कस्बे हों या शहर हर जगह लाॅकडाउन जैसा दृश्य दिखाई देता है। गाँवों के बहुत से बुजुर्गों के मुताबिक उन्होंने ऐसी प्रचंड गर्मी का सामना आज से पहले कभी नहीं किया,इस तरह की जानलेवा गर्मी पहली बार ही पड़ी है।
जलस्तर घटने से सिंचाई प्रभावित,फल व सब्जियां हुई मंहगी
इस 45॰ से अधिक तापमान के चलते जनपद वजीरगंज ,मनकापुर, नवाबगंज समेत अन्य इलाकों में स्थित बहुत से झील ,पोखरे,ताल आदि पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुँच चुके हैं ,जिसके चलते इन इलाकों का जलस्तर काफी नीचे खिसक गया है।जिससे किसानों की बोरिंग फेल होने लगीं हैं।इस कारण प्रचंड गर्मी से राहत दिलाने वाली फसलों खीरा,ककड़ी,तरबूज,खरबूजे व अन्य हरी सब्जियों की फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही।जिसके कारण गर्मी से राहत देने वाले इन फलों व सब्जियों के भाव आसमान छूते हुये आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चले हैं।
अघोषित विद्युत कटौती बनी जी का जंजाल
जानलेवा व प्रचंड गर्मी से जूझ रहे लोग इस समय अघोषित अघोषित बिजली कटौती से और भी हलकान हो रहे। दिन भर बिजली की आवाजाही लोगों के लिये कष्टदायी बन गई है।लोगों के मुताबिक जब इस संबंध में वे बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को फोन करते हैं तो फोन नहीं उठता,यदि उठ भी जाये तो आश्वासन तो मिलता पर समस्या खत्म नहीं होती जिससे परेशानी ज्यों की त्यों बनी रहती है।
जिम्मेदारों के दावे के इतर इंतजाम नाकाफी
भीषण गर्मी से आम जनजीवन को राहत दिलाने के प्रशासनिक उपायों के संबंध जब जिम्मेदारों से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि,गर्मी से राहत दिलाने के सभी उपाय कराये जा रहे हैं। बावजूद इसके ये उपाय कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे,स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। अब तो लोग मॉनसून के इंतजार में हैं जब उसकी बारिश से उन्हें इस झुलसाती हुई गर्मी व तपिश से निजात मिल सकेगी ।