बच्चे की प्रथम शिक्षिका मां होती है -कृपा शंकर त्रिपाठी

गोष्ठी के मुख्य अतिथि शैलेश यादव (प्रधान प्रतिनिधि) ने कहा कि शिक्षा समाज का दर्पण होता है। जिस प्रकार की शिक्षा होगी उसी प्रकार का समाज एवं देश होगा। किसी भी देश का उत्थान वहां की शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर होता है।
कॉलेज के निदेशक कृपा शंकर त्रिपाठी (अवकाश प्राप्त शिक्षक सरस्वती शिशु मंदिर 10+2 पक्कीबाग गोरखपुर )ने कहा कि बच्चे की प्रथम शिक्षिका मां होती है एवं बच्चे का प्रथम पाठशाला घर होता है। इसलिए घर का वातावरण संस्कारवान एवं शिक्षाप्रद होना चाहिए।
अभिभावकों द्वारा अवगत करायी गई समस्याओं का समाधान विद्यालय के संरक्षक विनोद तिवारी एवं प्रधानाचार्या अंजू तिवारी ने किया।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक अमरनाथ चौबे ,जनार्दन पाण्डेय,फूलचंद यादव ,राममिलन सिंह, किशोर कुमार राजी, सुरेंद्र यादव सहित समस्त अध्यापक गण तथा अभिभावक रामसूरत यादव, अशोक यादव ,शैलेश सिंह ,रामनिवास, रामरेखा आदि लोग उपस्थित रहे। इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से हुआ।
अतिथि परिचय और आभार ज्ञापन विद्यालय के संरक्षक विनोद तिवारी द्वारा कराया गया।
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