Sunday 16th of November 2025 12:33:37 PM

Breaking News
  • लालू परिवार में टूट ,रोहिणी ने राजनीति से लिया सन्यास ,परिवार से भी नाता तोडा |
  • बिहार दुनिया को राजनीति सिखाता है ,प्रधानमंत्री मोदी बोले -कांग्रेस को अब कोई नहीं बचा सकता |
  • इण्डोनेशिया के जावा में भूस्खलन का कहर ,6 की मौत ,17 अब भी लापता |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 23 Jan 2024 5:01 PM |   410 views

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई

गोरखपुर -सरस्वती शिशु मंदिर(10+2)पक्कीबाग गोरखपुर में महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई।
 
मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी विद्यालय के पूर्व छात्र  दुर्गा दत्त शुक्ला  ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस एक ऐसा नाम है ,जो भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व जानता है ।सुभाष चंद्र बोस को हम नेताजी कह कर पुकारते हैं। नेता उनको इसलिए कहते थे कि वह सब गुण उनमे में था जो एक सर्वश्रेष्ठ नेता में होता है ।वह उन सम्मानित स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे ,जिन्होंने इस देश को आजादी की तरफ अग्रसर किया। वह एक योद्धा एवं कुशल मार्गदर्शक थे ,साथ ही नेतृत्व करने की क्षमता उनमे में प्रबल थी ।
 
मुख्य अतिथि ने कहा कि नेताजी की जो आजाद हिंद फौज थी उसमें हमारे पिताजी कमांडर थे, उन्होंने नेताजी के साथ काम किया। उनके पिताजी बताते थे कि नेताजी 17 से 18 घंटे तक काम करते थे। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था ।उनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस था जो एक प्रसिद्ध एवं संपन्न अधिवक्ता थे। इनकी माता श्रीमती प्रभावती बोस एक आध्यात्मिक प्रवृत्ति वाली महिला थी। अपने 14 भाई बहनों में से नवी संतान थे। जो बचपन से ही अत्यंत प्रखर एवं कुशाग्र बुद्धि युक्त थे।उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक , किया ।
 
उस समय की सबसे बड़ी परीक्षा आई सी एस हुआ करती थी। उनके पिता जी की इच्छा थी कि बेटा आई सी एस बने ।अतः नेता जी ने पिता जी की बात को मानते हुए प्रथम प्रयास में ही 1920 में आई सी एस परीक्षा पास किया तथा कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। क्योंकि  स्वामी दयानंद सरस्वती, अरविंद घोष के विचारों से बहुत प्रभावित थे । तत्पश्चात स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े ।
 
नेताजी के एक आवाज पर देश के नौजवान इनके इशारों पर चल पड़ते थे। नेताजी का नारा था दिल्ली चलो ,जय हिंद ,तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा ।नेताजी कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे ,लेकिन कुछ समय बाद इन्होंने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया। नेता जी कहते थे कि आजादी मांगने से नहीं आजादी छीनने से मिलेगी ।मुख्य अतिथि जी द्वारा बहुत सारी बातें नेताजी के विषय में भैया /बहनों को बताई गई और उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को नेताजी के मार्गदर्शन पर चलना चाहिए और  भारत मां के लिए काम करना चाहिए ।
 
तत्पश्चात विद्यालय के  अंग्रेजी भाषा आचार्य शिवकुमार त्रिपाठी जी ने भी अपना संभाषण प्रस्तुत किया ।
 
अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह एवं आभार ज्ञापित प्रथम सहायक रुक्मिणी उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
 
 
 
 
 
Facebook Comments