Sunday 16th of November 2025 09:21:14 PM

Breaking News
  • लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का छलका दर्द ,कहा मुझे मारने के लिए चप्पल उठाई गई|
  • बिहार में सरकार गठन की उलटी गिनती शुरू ,चिराग पासवान बोले -22 नवम्बर से पहले हो जाएगा |
  • ट्रम्प प्रशासन ला रही नई इमिग्रेशन पालिसी ,ट्रेवल वैन वाले देशों के लिए ग्रीन कार्ड मुश्किल |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 6 Jan 2024 4:58 PM |   491 views

सूरज के L1 प्वाइंट पर पहुंचा आदित्य यान, ने वैज्ञानिकों को किया सलाम

देश की पहली सौर वेधशाला ‘आदित्य-एल1’ अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। 110 दिनों की यात्रा, 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने और बाद में एक सटीक कक्षा में प्रवेश के बाद, आदित्य-एल1 मिशन को अंतरिक्ष की विशालता में एक इष्टतम स्थान पर सफलतापूर्वक पार्क किया गया है, जहां से उसे सूर्य का अबाधित दृश्य दिखाई देगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खबर साझा की और कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत की पहली सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। इसको लेकर उन्होंने एक एक्स पोस्ट लिखा। 

अपने पोस्ट में लिखा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम इसरो द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।

प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।

पीएसएलवी ने 63 मिनट और 20 सेकंड की उड़ान के बाद उसने पृथ्वी की आसपास की अंडाकार कक्षा में आदित्य-एल1 को स्थापित किया था। ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।

Facebook Comments