Thursday 6th of November 2025 05:35:51 AM

Breaking News
  • भगदड़ विवादों के बीच विजय का ऐलान ,2026 में जीतेंगे चुनाव ,कोई रोक नहीं पाएगा|
  • सेना को राजनीति में मत घसीटों ,राजनाथ सिंह को राहुल गाँधी को दो टूक|
  • मिर्ज़ापुर में कार्तिक पूर्णिमा से लौट रही 6 महिलाओं की ट्रेन से कटकर मौत |
  • मारुती सुजुकी ने घरेलू बाज़ार में तीन करोड़ की बिक्री का आंकड़ा पार किया |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 8 Nov 2023 5:43 PM |   337 views

अनुराग मल्लू 72 घंटे तक गड्ढे में फंसे रहने के बाद भी जिंदा रहे

80 मीटर बर्फ में और 72 घंटे तक गड्ढे में फंसे रहने के बाद भी क्या कोई जिंदा रह सकता है| शायद पहली बार ऐसा लगे कि कोई दैवीय शक्ति ही उसे बचा सकती है| कुछ ऐसा ही अनुराग मल्लू के साथ हुआ| नेपाल में अन्नपूर्णा पीक की चढ़ाई के वक्त एक हादसे में अनुराग गिर गए थे | वहां से दो दिन बाद उनके ग्रुप के सदस्यों ने उन्हें बाहर निकाला| नेपाल में शुरुआती उपचार के बाद अनुराग को दिल्ली लाया गया|

जयप्रकाश ट्रामा सेंटर एम्स से बर्न एंड प्लास्टिक विभाग के प्रमुख डॉ मनीष सिंघल ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि बहुत ही मुश्किल हालात में इन्हें एम्स लाया गया| जहां छह सर्जरी के बाद अनुराग अब अपने पैरों पर चलने की स्थिति में है|

34 साल के अनुराग ने बताया कि गड्ढे में गिरने के बाद मैं होश में था. 80 मीटर गिरने के बाद भी मैं सचेत था| दो ट्रेंच में गिरा लेकिन मुझे फ्रैक्चर नहीं हुआ था| गड्ढे में भी मैं अपने गोप्रो कैमरे से वीडियो बनाता रहा| लेकिन अंतिम 12 घंटे मैं बेहोश हो गया था| उसके बाद क्या हुआ कुछ भी याद नहीं|

डॉ मनीष सिंघल ने बताया कि शाम को सात बजे उनकी रिक्वेस्ट आयी थी| वहां से आने में ही पांच दिनों तक मरीज ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था| बड़ी मुश्किल से नेपाल से अनुराग यहां आ पाए| खराब कंडीशन में अनुराग आए थे| डॉ मनीष सिंघल ने बताया कि जब यहां पहुंचे तबतक उनके काफी ऑर्गन फेल हो चुके थे| उनकी छह सर्जरी हुई|

अनुराग ने बताया कि मैं यहां जिंदा हूं यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है| पिछले 200 दिनों के बाद मेरी नई जिंदगी एम्स के वजह से मिली है| मेरा बेड नम्बर 9 था. शायद वह मेरे लिए काफी लकी रहा| पूरे 5.5 महीने मैं उसी बेड पर पड़ा रहा| मुझे नहीं पता था कि चलने की बात तो दूर मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं खड़ा भी हो सकता है| मेरे लिए एम्स एक मंदिर है जहां के भगवान की वजह से मैं आपके सामने जिंदा खड़ा हूं| अनुराग ने कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा तो फिर से वह माउन्टेन एक्पीडीशन शुरू करेगा|

आईसीयू फिजीशियन डॉ कपिलदेव सोनी ने बताया कि जब हमारे पास अनुराग आए तब उनकी हालत बहुत ही क्रिटिकल थी| नर्सिंग डिपार्टमेंट से लेकर आसी़यू स्टाफ तक के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती थी. क्योंकि उन्हें इन्फैक्शन से बचाना था| 31 अक्टूबर को जब वह डिस्चार्ज हुए तब हमारे लिए भी वह पल बहुत भावुक कर देने वाला था| डॉ कपिल ने बताया कि कुल नौ डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने मिलकर अनुराग की जान बचाई|

उन्होंने ये भी बताया कि हमारे पास पहले भी केस आए हैं| आर्मी बैकग्राउंड से मरीज आते हैं| जिस समय अनुराग आए थे तभी यह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और इनका डायलायसिस हो रहा था| सर्जरी से पहले इन्हें स्टेबल करना जरुरी थी| हमने आने वाले दिनों में कुछ और भी सर्जरी इनके लिए प्लान किया है|

Facebook Comments