रिंग फेस्ट विधि से गन्ने के साथ सहफसली खेती के लिए चलेगा अभियान: डीएम

जिलाधिकारी ने कहा कि खरीफ की फसलों के लिए उर्वरक की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उर्वरक एवं कीटनाशकों की गुणवत्ता की जांच हेतु जनपद में टेस्टिंग लैब स्थापित करने के संबन्ध में प्रस्ताव तैयार किया जाए। वर्तमान समय में सैंपल लखनऊ एवं मेरठ लैब में भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है।
जिलाधिकारी ने मत्स्य विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने जनपद में 0.2 हेक्टेयर से 2.0 हेक्टेयर के समस्त तालाबों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया। वर्तमान समय में मत्स्य विभाग द्वारा 2,875 तालाब मत्स्यपालकों को पट्टे पर दिया जाता है। डीएम ने नए सिरे से तालाबों की सूची तैयार कर बृहद करवाने पर पट्टा देने का अभियान चलने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बायोफ्लॉक एवं आरएएस पद्धति से मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को जागरूक किया जाए। मत्स्यपालन विभाग द्वारा 19 एफपीओ का गठन किया जा चुका है।
उद्यान विभाग की समीक्षा में जिलाधिकारी ने कहा कि केला, पपीता, लीची सहित विभिन्न फलों की बागवानी के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर प्रगतिशील किसानों की संगोष्ठी आयोजित की जाए। जनपद की जलवायु एवं मृदा की स्थिति मुजफ्फरपुर की ही तरह है। यहां भी लीची की पैदावार बड़ी मात्रा में प्राप्त की जा सकती है।उन्होंने मधुमक्खी पालन करने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया। कहा कि जनपद में सरसो की खेती पर्याप्त मात्रा में होती है, जो मधुमक्खी पालन के लिए सर्वथा अनुकूल है।
उन्होंने बताया कि सरसो के खेत के आसपास के क्षेत्रों में बनने वाले शहद की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है जिसकी वैश्विक बाजार में भारी मांग है।डीएम ने जिला गन्ना अधिकारी को रिंग फेस्ट विधि से सहफ़सली खेती करने के लिए एफपीओ के गठन का निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक में सीडीओ रवींद्र कुमार, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी मृत्यंजय कुमार, जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव, डीसीओ धनीराम वर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी इरम सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
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