Sunday 21st of December 2025 06:08:14 PM

Breaking News
  • सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया ,G RAM G बिल पर सोनिया गाँधी ने जारी किया वीडियो संदेश|
  • रिज़र्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर 62 लाख रु का जुर्माना लगाया |
  • सभी माफियाओं पर बुल्डोजर चलाए जाने चाहिए , कफ सिरप रैकेट को लेकर अखिलेश ने उठाए सवाल|
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 20 Dec 2025 7:48 PM |   105 views

भोजपुरी को अकादमिक आधार भी विकसित किया जाना चाहिए-परिचय दास

गोरखपुर। भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया “भाई” के तत्वावधान में स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर, आर्य नगर में आयोजित एक दिवसीय भोजपुरी संगोष्ठी मंगलवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुई ।
 
संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने की। उन्होंने लोक कलाओं को बचाने व उन्हें संवर्धित करने के लिए आग्रह किया । वे चाहती थीं कि हमें अपनी मातृ भाषा से प्रेम करना चाहिए व उसपर गौरव होना चाहिए । अतिथियों का स्वागत डॉ रूप कुमार बनर्जी ने भाई का पटका ओढ़ा कर किया । 
 
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मॉरीशस की प्रख्यात लोकगायिका एवं भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की अध्यक्ष डॉ. वर्षारानी बिसेसर रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर, गोरखपुर उपस्थित रहे।
 
डा वर्षा रानी विशेषर ने कहा कि भारत व मॉरीशस की सांस्कृतिक परम्परायें एक हैं । हम एक ही लोक संस्कृति को धारण करने वाले लोग हैं । मैं हल्दी गीत गाते हुए रोमांचित हो जाती हूँ कि इसमें कितना संवेदन है । हमे दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। डा मंगलेश श्रीवास्तव ने भोजपुरी को आगे बढ़ती भाषा बताया जिसका गहरा भविष्य है । भोजपुरी वास्तव में विश्व भाषा है । 
 
संगोष्ठी के प्रथम सत्र में “भोजपुरी संस्कृति, परंपरा और समकाल” विषय पर विचार–विमर्श हुआ। मुख्य वक्ता प्रो. रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव “परिचय दास”, नालंदा विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर एवं पूर्व अध्यक्ष ने अपने संबोधन में भोजपुरी संस्कृति की ऐतिहासिक परंपरा और उसके समकालीन संदर्भों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाषा बरतने से संभव होती है । भोजपुरी का प्रयोग बोलने , लिखने व उपयोग से ही आगे बढ़ती है। भोजपुरी का साहित्य, कलायें विश्व में अपनी मात्र रखती हैं। उसमे अकादमिक आधार भी विकसित किया जाना चाहिए।
 
विशेष आमंत्रित वक्ताओं प्रो. दीपक त्यागी, प्रो. प्रभाकर सिंह तथा वंदना श्रीवास्तव ने भी अपने विचार प्रस्तुत कर संगोष्ठी को समृद्ध किया।
 
प्रो प्रभाकर सिंह ने भोजपुरी को प्रतिरोध की भाषा बताया । प्रो दीपक प्रकाश त्यागी ने भोजपुरी को जनभाषा बताया । वंदना श्रीवास्तव ने भोजपुरी कला को अद्वितीय बताया तथा अपने भोजपुरी कला के प्रति योगदान को माँ के लिए श्रद्धा बताई । 
 
इस अवसर पर भोजपुरी लोकसंस्कृति के संरक्षण एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रचार–प्रसार में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. वर्षारानी बिसेसर को “मैनावती देवी लोक गायिका राष्ट्रीय सम्मान” से सम्मानित किया गया। सम्मान के अंतर्गत उन्हें रु 11,000 की नगद राशि एवं ट्रॉफी प्रदान की गई।
 
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में “गीत–गवनई” कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्वांचल के विवाह संस्कारों की संगीतमयी प्रस्तुति भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया “भाई” के कलाकारों द्वारा दी गई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
 
कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र पांडेय एवं संयोजन भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया “भाई” के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने किया । उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
 
कार्यक्रम में पुष्प दन्त जैन , डॉ संजयन त्रिपाठी , डॉ सुरेश, त्रिभुवन मणि त्रिपाठी , हरि प्रसाद सिंह, श्री नारायण पांडेय , दिनेश गोरखपुरी , कीर्ति रमन दास , चन्द्रेश्वर शर्मा परवाना , शिव जी सिंह सहित तमाम दर्शक उपस्थित रहे ।
Facebook Comments