महिलाएँ करेंगी प्राकृतिक खेती का नेतृत्व, पाँच दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण सम्पन्न
जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत पाँच दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद कुशीनगर के 14 विकास खंडों से चयनित कुल 82 कृषि सखियों ने सहभागिता की, जिन्हें कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश्वर सिंह दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री तथा अतीन्द्र सिंह, उप निदेशक कृषि, कुशीनगर उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि राजेश्वर सिंह ने महिलाओं में उद्यमिता विकास, महिला सशक्तिकरण, कृषि उद्यमिता की भूमिका तथा महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अतीन्द्र सिंह ने जनपद कुशीनगर में संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं की जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती को आजीविका सृजन से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की लागत घटाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है।
कार्यक्रम में डॉ. पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, प्रधान, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, सरगटिया ने सब्जी उत्पादन एवं बीज उत्पादन में प्राकृतिक खेती की वैज्ञानिक विधियों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
वहीं डॉ. शमशेर सिंह, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र, कुशीनगर ने जिले में कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु केंद्र की भूमिका एवं नवीन कृषि तकनीकों की जानकारी दी।पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. अरुण प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा, प्रशिक्षण गतिविधियों एवं उपलब्धियों से अतिथियों को अवगत कराया।
इस अवसर पर हरिशंकर नारायण (मास्टर ट्रेनर), बृजेश गोंड, श्रुति वी. सिंह, रिद्धि वर्मा, विशाल सिंह, मोतीलाल कुशवाहा एवं कृपा शंकर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प के साथ किया गया।
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