नाटक, स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से दिया सशक्त संदेश — ‘ना का अर्थ ना ही होता है

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को बताया गया कि “No Means No” केवल एक शब्द नहीं, बल्कि यह एक सम्पूर्ण संदेश है जो दूसरों की भावनाओं, सीमाओं और आत्मसम्मान के सम्मान की सीख देता है। शिक्षकों ने छात्राओं को आत्मरक्षा, आत्मविश्वास और साहसपूर्वक अपनी बात कहने के महत्व से भी अवगत कराया। इस अवसर पर कंपोजिट विद्यालय कोची, कंपोजिट विद्यालय गुड़गांव, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुकुल बाजार और कंपोजिट विद्यालय सिंहपुर सहित अनेक विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक, स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर प्रदर्शनी और भाषणों के माध्यम से “No Means No” के संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इन गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं में आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और सुरक्षा के प्रति सजगता का संचार हुआ।
विद्यालय प्रबंधन एवं शिक्षकों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्राओं को न केवल जागरूक बनाते हैं, बल्कि उन्हें समाज में अपनी आवाज़ बुलंद करने की प्रेरणा भी देते हैं। मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत यह अभियान महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों, सम्मान और सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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