माह अक्टूबर के मुख्य कृषि कार्य
अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में हथिया नक्षत्र ने अपना आसली रुप दिखा दिया। अधिक ज्यादा वर्षा, बिजली गिरने से फसल ,पौधों जन ,पशु सबकों कुछ न कुछ हानि हुई है। परन्तु रबी में बोई जाने वाली फसलों के लिए लाभदायक होगा। यह हिन्दी का कार्तिक महीना चल रहा है। इस माह में सभी मुख्य त्योहार है। धनतेरस,दीपावली, गोबर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, एवं कार्तिक पूर्णिमा आदि त्योहार पूर्वांचल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है|
त्योहार को ध्यान में रखते हुए खरीफ फसलों की कटाई एवं रबी फसलों की बुआई का भी ध्यान रखे। कहा गया है कि – अगली खेती आगे आगे, पिछड़ी खेती भागे जोगें। तेरह कातिक तीन अषाढ़, तब देखो खेती के हाल।। कातिक मास रात भर जोतो, टाग पसार घर में न सूतो।।
कार्तिक माह खेती की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। सबसे अधिक फसलों ,सब्जियों की बुआई इस माह में की जाती है। खरीफ फसलों पछैती किस्म की धान की देखभाल करें।
अरहर ,गन्ने की निगरानी रखें। अक्टूबर में रबी फसलों की बुवाई में तिलहनी फसलों में राई-सरसों आलसी एवं कुसुम ( वर्रे ) आदि है। इनकी बुआई 20 अक्टूबर से पहले करने से माँहू कीट का प्रकोप कम होता है। राई / सरसों में बीज जनित रोगों से सुरक्षा हेतु 2.5 ग्राम थिरम 75 प्रतिशत प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित करे। दलहनी फसलों चना,मटर, मसूर आदि की बुआई अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े से नवंबर के प्रथम पखवाड़े तक समाप्त कर लेनी चाहिए।
दलहनी फसलों के 4 लाईन के बाद एक लाईन सरसों की लगाने फली छेदक कीट का प्रकोप कम होता है।।दलहनी बीजों को बीज जनित रोगो से बचाव हेतु ट्राईकोडर्मा 4 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित करें। सब्जियों जैसे बैगन टमाटर,मिर्च, शिमला मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, गाँठगोभी , ब्रोकली, भरवा मिर्च की रोपाई करें।
फूल गोभी की 16, लाईनों के बाद एक लाईन सरसों की लगा दे तो कीटों से नुकसान कम होता है। टमाटर की 16 लाईन के बाद एक लाईन गेदें की रोपाई करनी चाहिए। गेदें की पौध रोपाई के समय 40 दिन तथा टमाटर की पौध 25 दिन की होनी चाहिए। गेंदा लगाने से कीट का प्रकोप टमाटर पर न होकर गेंदा फर होता है। सब्जी मटर, मूली, गाजर, पालक, सोया, धनिया, मेथी, सौफ, अजवाइन, लहसुन, चुकन्दर ,प्याज की बुआई कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज मे मिला कर उपचारित करने के बाद करें।
— प्रो रवि प्रकाश