खेत तालाब से जल संरक्षण और मत्स्य पालन को मिला बढ़ावा

आर्यन सिंह ने खेत तालाब हेतु आवेदन कर अपने निजी खसरे में 22×20×3 मीटर आकार का खेत तालाब खुदवाया। इस कार्य के लिए विभाग द्वारा उन्हें रु 52,500 का अनुदान प्रदान किया गया। तालाब में वर्षा जल को संचित कर मत्स्य पालन प्रारम्भ किया गया।
मत्स्य पालन व सिंचाई से बढ़ी आमदनी-
वर्तमान में सिंह द्वारा तालाब में संचित जल से मत्स्य पालन कर वर्ष में लगभग रु 60,000 से रु 70,000 तक की आय प्राप्त की जा रही है। इसके साथ ही तालाब से भूगर्भ जल का पुनर्भरण (रीचार्ज) होता है और फसलों की सिंचाई भी सुचारु रूप से की जा रही है।
मुर्गी पालन से अतिरिक्त लाभ-
तालाब के पास सिंह ने मुर्गी पालन का व्यवसाय भी शुरू किया है, जिससे प्रति वर्ष लगभग रु 1 लाख से रु 1.25 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है।
अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत-
आर्यन सिंह की यह पहल साबित करती है कि तकनीक और योजनाओं का सही उपयोग करके सीमित भूमि पर भी अच्छी आमदनी की जा सकती है। वे आज जनपद के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।
जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद के अन्य किसानों को भी खेत तालाब योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आय दोगुनी करने के प्रयास करने चाहिए। प्रशासन की ओर से इस दिशा में लगातार सहयोग दिया जा रहा है।
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