ग्रामीण युवाओं के लिए वर्मी कंपोस्ट रोजगार का अच्छा साधन : सुभाष मौर्य
भाटपाररानी – भाकृअनुप भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र, मल्हना, देवरिया के सभागार में ग्रामीण नवयुवक एवं युवतियों के लिए वर्मी कंपोस्ट उत्पादन एवं उपयोग विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप कृषि निदेशक सुभाष मौर्य के द्वारा की गई।
इस अवसर पर सुभाष मौर्य द्वारा युवाओं को बताया गया कि वर्मी कंपोस्ट आज के समय की मांग है क्योंकि फसलों के अवशेष, गाजर घास एवं अन्य सड़ने गलने योग्य पदार्थों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकता हैं। इसलिए यदि हमारे ग्रामीण युवा इसको लेकर व्यवसाय करना चाहते है तो उनके लिए यह रोजगार का अच्छा साधन बन सकता है।
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ मान्धाता सिंह ने बताया कि रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा स्वास्थ्य को नुकसान हो रहा है जिससे दिन प्रतिदिन उत्पादकता घट रही है इसलिए आज वर्मी कंपोस्ट की मांग हमारे प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में बढ़ती जा रही है।इसलिए यह युवाओं के लिए रोजगार का अच्छा साधन बन सकती है।
केंद्र के सस्य विज्ञान विषय विज्ञान डॉ. कमलेश मीना ने प्रशिक्षण में आए सभी युवाओं को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन की विधियों, फसलों में उपयोग एवं बाजार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
गृह विज्ञान विशेषज्ञ जयकुमार एवं डॉ. अंकुर शर्मा विशेषज्ञ पशु जैव प्रौद्योगिकी के द्वारा भी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस अवसर पर विजय सिंह, विद्रेस कुमार गोंड, अमित कुमार,अमित कुमार गॉड, मनीष कुशवाहा, सुमन सिंह, हिमांशु सिंह,आशीष द्विवेदी, राहुल चौहान, दीपक कुमार, दीपू सिंह सतीश सिंह के साथ-साथ कुल 22 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।