Sunday 21st of September 2025 12:47:14 AM

Breaking News
  • 24 घंटे में US वापस  आ जाए ,H1 -B वीजा वाले कर्मचारियों को बिग टेक कंपनियों की वार्निग |
  • गरबा  में एंट्री पर विश्व हिन्दू परिषद का नया नियम – केवल हिन्दुओ का प्रवेश |
  • अब रेल नीर 14 रु का हुआ | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 22 Jul 2025 8:10 PM |   104 views

कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर बिछुड़ी अनुष्का, नौ दिन बाद परिवार से मिली

कानपुर -ट्रेन से महाराष्ट्र जा रही देवरिया की 14 वर्षीय अनुष्का सिंह की कहानी किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं। पानी लेने के लिए स्टेशन पर उतरी और ट्रेन चल पड़ी। परिजन आगे निकल गए और अनुष्का स्टेशन पर ही छूट गई। गनीमत रही कि रेलवे पुलिस ने समय रहते उसे संरक्षण में ले लिया और अब नौ दिन बाद जब वह अपने पिता और भाई से दोबारा मिली, तो आंखें भर आईं।
 
यह घटना 14 जुलाई की है। देवरिया जनपद के बरियारपुर क्षेत्र की रहने वाली अनुष्का अपने परिजनों के साथ  मुंबई जा रही थी। कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर ट्रेन रुकी तो वह पानी लेने प्लेटफॉर्म पर उतर गई। इसी बीच ट्रेन चल पड़ी। अनुष्का ट्रेन पकड़ने की कोशिश करती रही लेकिन ट्रेन छूट गई और थक-हारकर वहीं रोने लगी।
 
स्टेशन पर तैनात जीआरपी के जवानों ने जब उसे अकेले रोते देखा तो तुरंत मदद को आगे आए। पूछताछ में जब बच्ची ठीक से कुछ न बता सकी तो चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित किया गया। नियमानुसार उसे राजकीय बालगृह (बालिका) यूनिट–2, नवाबगंज, कानपुर नगर भेज दिया गया। 
 
उधर, परिजन ट्रेन के अगले स्टेशनों पर बच्ची को ढूंढते रहे। जब कहीं से पता चला कि वह कानपुर में है, तो वे उसे वापस लाने की कोशिशों में जुट गए। मामले की जानकारी जब देवरिया के रामपुर कारखाना से विधायक श्री सुरेन्द्र चौरसिया को हुई, तो उन्होंने जिलाधिकारी कानपुर नगर श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह से बात कर बालिका को परिजनों से शीघ्र मिलवाने का अनुरोध किया। 
 
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।राजकीय बाल गृह के नियमों के अनुसार परिजनों के आने पर ही बच्चों को उन्हें सुपुर्द किया जाता है। बाल कल्याण समिति ने मंगलवार को परिजनों के आने के बाद सभी दस्तावेजों की जांच की और बच्ची को विधिवत परिवार को सौंप दिया।
 
जब अनुष्का अपने पिता सुरेन्द्र सिंह और भाई हर्षित को देखकर दौड़ी और गले लग गई, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। पिता सुरेन्द्र सिंह ने भावुक होकर कहा कि हम सबके लिए ये नौ दिन किसी युग से कम नहीं थे। बेटी के बिना एक-एक पल भारी लग रहा था। जिला प्रशासन कानपुर नगर ने जो मदद की, उसके लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे।
Facebook Comments