विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत तीन गोष्ठियों का सफल आयोजन

कार्यक्रम के दौरान मौसम वैज्ञानिक श्रुति वी. सिंह ने जिले में मानसून की संभावित आगमन तिथि एवं बदलते मौसम की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर को अपनाने पर बल दिया।
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र सर्गटिया से आए वैज्ञानिक डॉ. गंगाराज ने समेकित कीट प्रबंधन (आईपीएम) और सब्जियों की उन्नत एवं लाभकारी किस्मों की जानकारी दी।
डॉ. अरुण प्रताप सिंह ने ड्रम सीडर तकनीक एवं धान की उन्नत उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक बताया, जिससे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
मोतीलाल कुशवाहा ने गैर-रासायनिक कीट प्रबंधन उपकरणों एवं सब्जियों में अनुशंसित उर्वरक मात्रा की जानकारी प्रदान की, जिससे किसानों को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित खेती में सहायता मिल सके।
इस अवसर पर कृषि विभाग, नेबुआ नौरंगिया के उप कृषि निदेशक मनोज गुप्ता, पौध संरक्षण के सहायक निदेशक, देवी लाल (एटीएम) सहित अनेक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम किसानों में नवीन कृषि तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम रहा।
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