‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत‘‘ विषयक आयोजित की गयी छायाचित्र प्रदर्शनी
गोरखपुर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) एवं सेन्ट्रल एकेडमी, गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर ‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत‘‘ विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन आज सेन्ट्रल एकेडमी, गोरखपुर में किया गया।
उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य उमेश कुमार मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। उक्त प्रदर्शनी का अवलोकन सेन्ट्रल एकेडमी के लगभग 700 छात्र-छात्राओं तथा 37 गुरूजनों ने किया।
प्रदर्शनी के अवलोकन के मौके पर स्कूल प्रधानाचार्य सहित अनिल त्रिपाठी, महेश शुक्ला, अजय पाठक, आलोक मिश्रा, राजपति पाण्डेय, दुर्गेश कुमार पाण्डेय, सुनील कुमार, गौरव कुमार मिश्रा, आलोक चन्द, अनूप कुमार मिश्रा, डी0पी0 मिश्रा, आलोक श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार राव, डी0एस0 दूबे, अभिषेक कुमार राय, दिलीप कुमार सिंह, किरन दूबे, सुब्रत श्रीवास्तव, निधि त्रिपाठी, जूही श्रीवास्तव, अंकिता शुक्ला, संयोगिता राय, शालिनी कक्कड़, अंकिता तिवारी, प्रियंका शंकर, शालिनी सिंह, मुकुल तिवारी, खुशबू गुप्ता, इन्द्राणी मित्रा इत्यादि की उपस्थिति प्रमुख रूप से उल्लेखनीय रही।
मुख्य अतिथि उमेश कुमार मिश्रा ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में अमूल्य प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। जो भावी पीढ़ी के युवाओं को अपनी विरासत से परिचित कराने का बड़ा ही सशक्त माध्यम है। इस प्रदर्शनी से हमें अपने गौरवशाली अतीत की झलक दिखती है। उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रही ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की दिशा में विश्व धरोहर दिवस पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर का यह अनूठा प्रयास अत्यन्त सराहनीय है।
प्रति वर्ष विश्व में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जा रहा है। विश्व में कई ऐसे अद्भुत विरासत हैं। इनके स्वर्णिम इतिहास और निर्माण को बचाने के लिए विश्व विरासत दिवस या विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। वैसे तो अनेक वैश्विक स्तर की धरोहरें हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्द हैं लेकिन अगर हम भारतीय विश्व धरोहरों की बात करें तो भारत में वर्तमान में लगभग 43 विश्व धरोहरे हैं। यूनेस्को ने भारत में लगभग 43 विश्व धरोहरों को घोषित किया है।
भारत में सबसे पहली बार एलोरा की गुफाओं (महाराष्ट्र) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रदर्शनी में लगभग 10 राज्यों के पुरास्थलों को प्रदर्शित किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर सहित कपिलवस्तु, कुशीनगर, देवरिया, मगहर, संत कबीर नगर वाराणसी, रामनगर, सारनाथ, गाजीपुर, अयोध्या, कौशाम्बी, मथुरा, आगरा का ताजमहल, देवगढ़ आदि ऐतिहासिक स्थलों सहित बिहार के बोधगया, नालन्दा, मध्य प्रदेश के सांची बौद्ध मन्दिर, महाराष्ट्र के अजंता, एलोरा व भाजा की गुफाएं, उड़ीसा का जगन्नाथपुरी एवं कोणार्क सूर्य मंदिर, गुजरात का मुढेरा सुर्यमन्दिर, कश्मीर का मार्तण्ड सूर्य मन्दिर, अमृतसर का स्वर्ण मन्दिर, जयपुर, राजस्थान का हवा महल आदि पुरास्थलों एवं विरासतों के छायाचित्र उक्त प्रदर्शनी में आकर्षण के केन्द्र हैं।
संग्रहालय के उप निदेशक, डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने कहा कि किसी भी देश की पहचान, वहां की सभ्यता के स्वर्णिम स्वरूप की जानकारी इन धरोहरों से ही पता चलती है। आज देश का गौरव बढ़ाने का काम यह धरोहरें ही कर रही हैं। यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व धरोहर दिवस पर एक थीम (अवधारणा) दी जाती है और इस वर्ष अर्थात 2025 की थीम है ‘‘आपदाओं और संघंर्षों से खतरों में पड़ी विरासत।‘‘