नाथ पंथ एवं नवनाथ परम्परा पर आधारित चित्रांकन
गोरखपुर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर द्वारा ‘‘नवनाथ एवं नाथ परम्परा‘‘ पर आधारित नव दिवसीय राष्ट्रीय चित्रांकन पूर्णता शिविर एवं ‘‘हुनर के रंग‘‘ राष्ट्रीय कला शिविर (चित्रकला, टेराकोटा कला, लिप्पन कला एवं शुभांकन कला) के दूसरे दिन चित्रकारों द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक मन्दिर यथा गोरखनाथ मन्दिर, राम मन्दिर-अयोध्या, काशी विश्वनाथ मन्दिर-वाराणसी, कृष्ण जन्मभूमि-मथुरा का चित्रांकन एवं उत्तर प्रदेश के प्रमुख बौद्ध पुरास्थलों के चित्रांकन तथा शुभ चिन्हों का अंकन लिप्पन कला के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें सभी कलाकार द्वारा तन्मयता से अपने अपने हुनर को कैनवास पर उतारते हुए उन्हें अन्तिम रूप दे रहे हैं। जिसमें उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा साफ झलक रही है। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के इस आयोजन में सभी कलाकार अत्यन्त प्रोत्साहित हैं। नाथ पंथ एवं नवनाथ परम्परा पर आधारित राष्ट्रीय चित्रकार शिविर में कुल 20 अद्भूत चित्रों का सृजन किया जा रहा है |
जिनके प्रमुख नाम 1- महायोगेश्वर शिव 2- आदिनाथ 3- श्री अचल अचम्भेनाथ 4- योगेश्वर मत्स्येन्द्रनाथ 5- श्री उदयनाथ 6- महायोगी गुरू श्रीगोरखनाथ 7- श्री सन्तोषनाथ, 8- योगिराज चैरंगीनाथ 9- श्री कन्थडनाथ 10- श्री सत्यनाथ 11- योगेश्वर जालन्धरनाथ 12- नाथसिद्ध अवधूत दत्तात्रेय 13- योगिराज भर्तृहरि 14- श्री गजकंथनाथ 15- योगिराज गोपीचन्दनाथ 16- श्री धोरम्नाथ 17- योगिराज बाबा गम्भीरनाथ 18-महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज 19-महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज 20- योगी आदित्यनाथ महाराज हैं।प्रश्नगत राष्ट्रीय कला शिविरों का समापन कार्यक्रम 17 मार्च, 2025 को अपरान्ह 4.30 बजे प्रदर्शनी उद्घाटन एवं प्रमाण-पत्र वितरण के साथ कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा किया जायेगा।
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