हमारी संस्कृति परिवार और समाज केंद्रित है-प्रो अमृतांशु
कुशीनगर-राष्ट्रीय सेवा योजना बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर द्वारा आयोजित विशेष शिविर में पांचवें दिन मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य प्रो अमृतांशु कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना खुद से पहले दूसरों को रखना सीखती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक राष्ट्रनिर्माण की नींव होते हैं।हम पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करना शुरू कर चुके हैं। इससे बहुत सारी विकृतियां पैदा हो रही है।हमारी संस्कृति परिवार और समाज केंद्रित है जबकि पाश्चात्य संस्कृति व्यक्ति केंद्रित है।आज समय और परिस्थिति बदली है लेकिन अपनी व्यस्ताओं और मजबूरियों के बावजूद भी अगर हम सभी अपनी संस्कृति जुड़े रहे तो एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि और विख्यात व्यवसायी ओमप्रकाश जायसवाल ने कहा कि एन एस एस का यह विशेष शिविर राष्ट्रवाद की कार्यशाला है। यहां से निकलने वाले छात्र विविध क्षेत्रों में राष्ट्र को गढ़ने में योगदान देते हैं। यहां का बैठा प्रत्येक स्वयंसेवक स्वच्छ भारत अभियान,स्वदेशी,अपनी संस्कृति और परंपरा का पोषक और वाहक है।
मुख्य वक्ता प्रो सीमा त्रिपाठी ने बताया कि हमारे एन एस एस स्वयंसेवक देश की संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।आप सभी की जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है जब हम सभी यह देखते है कि वर्तमान पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति और सभ्यता से अत्यधिक प्रभावित है।इसने हमारी दिनचर्या ,खानपान, परिधान सभी को बदला है।यह बदलाव शुरू में प्रगतिशील लगता है लेकिन इसकी सीमाएं और दुष्परिणाम अब दिखने लगे हैं।अगर हमें स्वस्थ्य काया चाहिए तो अपनी दिनचर्या और खानपान को अपनी देशकाल और मौसम के अनुरूप बनाना होगा।
आज के दिवस शिविर में ध्वजारोहण, स्वच्छता अभियान और रंगोली प्रतियोगिता के साथ हुई। बौद्धिक सत्र में अतिथियों का स्वागत डॉ निगम मौर्य ने जबकि आभार ज्ञापन डॉ जितेंद्र मिश्र ने किया। सांस्कृतिक संध्या में स्वयंसेवकों ने श्री राम जानकी मंदिर में भक्ति गीतों और हरिकीर्तन किया।
इस अवसर पर डॉ दिनेश कुमार तिवारी की विशेष उपस्थिति रही।इसके डॉ पारस नाथ, फूलचंद गोंड, संजय गोंड, वासु गोंड, अंजलि पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।