स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने सीखे मशरूम उत्पादन के गुर

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उद्यान विशेषज्ञ डॉ रजनीश श्रीवास्तव ने समूह से जुड़ी महिलाओं से मशरूम के पौष्टिक मूल्यों की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है जिसमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा एवं शर्करा तथा फैट की मात्रा बहुत ही कम पाए जाने के कारण मधुमेह व दिल की बीमारी वाले भी इसका सेवन कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के गृह विज्ञान विशेषज्ञ जय कुमार ने मशरूम उगाने के आर्थिक फायदे के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि जिगरी मशरूम का उत्पादन महिलाएं आसानी से अपने घर में कर सकती हैं जिसे उन्हें कम लागत में अच्छा मुनाफा हो सकता है। उन्होंने बताया कि सिर्फ रु 3000 की लागत लगाकर 40 से 45 दिन में महिलाओं को रु 5000 तक लाभ प्राप्त हो सकता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से महिलाओं को न केवल मशरूम उत्पादन की तकनीक सिखाई गई, बल्कि उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार करने का भी अवसर प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में पिंकी, चांदनी, कविता, इंद्रावती आशा सहित कर्मजीतपुर की विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की ३० से अधिक महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। और काफी उत्साहित दिखी ।
कार्यक्रम को आयोजित करने में कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ मांधाता सिंह एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक अरविंद सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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