दिल के झरोखे मे
अक्स मेरा होगा तू जिधर जायेगा
हिफ़ाजतन रखा है दिल के झरोखे मे
देखकर मुझको फिर तू सवर जायेगा
मिरे आगोश से निकलकर मत जाओ
वर्ना टूटकर कांच सा बिखर जायेगा
हालात देखकर ही उसे बयां करना
कसीदे पढ़ खुद से ही डर जायेगा
इतना चाहो मत मुझको टूटकर तुम
पिघलकर मोम से हो पत्थर जायेगा
नहीं वादा कर सफर में निकलना मनु
पास हो मंज़िल फिर वो मुकर जायेगा
– डॉ. मनोज गौतम मनु
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