जीवन साथी का चयन : सही उम्र और सही निर्णय
आज कल सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि युवाओं को विवाह कब करना चाहिए,,? जवाब आता है ‘राइट ऐज’ में। फिर सवाल आता है की ‘राइट ऐज’ है क्या?
युवाओं को छोड़िए, उनके मां-बाउजी भी कहते है अभी नहीं,, अभी उम्र ही क्या है बिटिया / बेटे की
सही उम्र में शादी के बारे में निर्णय लेना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, युवा अपने जीवन में एक ऐसे चरण में हैं जहां वे आमतौर पर अपनी किशोरावस्था की तुलना में भावनात्मक और मानसिक रूप से अधिक मैच्योर होते हैं। ये परिपक्वता उन्हें स्वयं को,अपनी इच्छाओं को और वे जीवन साथी में क्या चाहते हैं?, इसे बेहतर ढंग से समझने की अनुमति देती है। इसलिए, सही उम्र में इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेने से यह सुनिश्चित होता है कि वे विवाह के साथ आने वाली जिम्मेदारियों और चुनौतियों को संभालने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं तैयार हैं।
दूसरे, सही उम्र में शादी करने से व्यक्तियों को अपने भविष्य के लिए एक ठोस आधार स्थापित करने की अनुमति मिलती है। इसमें वे करियर मे कब प्रमोशन लेना है ? या कब किसी दूसरी और बेहतर नौकरी की तरफ रुख करना है? जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता और व्यक्तिगत विकास हो।
उचित उम्र तक इंतजार करने से, युवाओं को आजीवन साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध होने से पहले अपने लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिलता है। ये न केवल उनकी अपनी भलाई को बढ़ाता है बल्कि लंबे समय में उनके रिश्ते की मजबूती और स्थिरता में भी योगदान देता है।
मानिए 2 साल हो गए काम करते,, अब तक आपने अच्छा पैसा भी बचा लिया| फिर घर से दफ्तर, दफ्तर से घर कर के अब बोर होने जैसी स्थिति बन चुकी है,, कितना घूम लगे आप !?कितना दोस्तो के साथ उठ-बैठ लेंगे आप!? कही तो रुकना ही होगा ना जीवन साथी होगा तो उसके साथ सुख-दुख बाटेंगे| सामाजिक दबाव या बाहरी प्रभावों को मिल कर सामना करेंगे।
अब सवाल आता है कि जीवन साथी अच्छा या सही नही मिला तो इसलिए ही तो जल्दी ही अपना जीवन साथी ढूंढना स्टार्ट कर देना चाहिए,, कही मिलने,समझने में ही देर हो गई तब?
जब हम अनुकूलता और आपसी सम्मान के आधार पर एक ठोस आधार के साथ विवाह में प्रवेश करते हैं तब हम एक मजबूत,स्वस्थ और अधिक संतुष्टिदायक रिश्ते बनाते हैं जो विवाहित जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होते हैं।
सही उम्र में शादी से सही समय पर बच्चे भी होते है। बच्चे स्वस्थ और इंटेलिजेंट होते है। हम उनको अपनी सही ऐज में सैटल भी कर पाते है।
आशय ये है कि हमे अपने से सवाल पूछना है कि, क्या हम विवाह के बंधन में बंधना चाहते भी है की नही? अगर जवाब न है तो कोई बात ही नही| अगर जवाब हां है तो बिलकुल| सही समय पर ही करनी चाहिए,, आगे की जिंदगी हमारी स्वास्थ हो, आसान हो और जिंदगी में आने वाली बाधाओं का हम दोनो मिलकर स्वस्थ मन से डिसीजन ले पाए और जिंदगी को हम दोनो मिल कर भरपूर जीये ।
– श्वेता मेहरोत्रा , गोरखपुर
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