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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 27 Jan 2024 6:13 PM |   301 views

भारत-मालदीव संबंध सदियों की दोस्ती : मोहम्मद मुइजू

कुछ दिन ही पुरानी बात है, अभी लोगों के जहन में भी होगी| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए और फिर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने हाय-तौबा मचा दिया| सोशल मीडिया पर एक मुहिम चल पड़ी जिसमें भारत के लोगों से मालदीव के बजाए लक्षद्वीप घूमने जाने की बात कही गई| मगर मालदीव भारत के इन घटनाक्रमों से तनिक भी बाज नहीं आया| उसके राष्ट्रपति मोहम्मद मोइजू तुरंत चीन के दौरे पर गए|

वहां उनका अच्छे से स्वागत हुआ| कहा गया कि ये सबकुछ भारत विरोधी मालदीव के पैंतरों के तहत किया जा रहा. ऐसे में लोगों की निगाहें थी 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति मोइजू के ट्विटर हैंडल की तरफ. उधर से ट्वीट आया| मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को उसके 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी. साथ ही यह कहा कि भारत-मालदीव संबंध सदियों की दोस्ती, आपसी सम्मान की गहरी भावना से आगे बढ़े हैं|

पिछले साल नवंबर के महीने में मोहम्मद मुइजू जब मालदीव के राष्ट्रपति बने, उसके बाद ही से भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनातनी का आलम है| ऐसे में भारत के रिपब्लिक डे पर मालदीव के राष्ट्रपति का की बधाई को काफी अहम माना जा रहा है जिसमें उन्होंने भारत के लोगों और सरकार को मालदीव के लोगों और सरकार की तरफ से बधाई दी है|

मालदीव के राष्ट्रपति के अलावा विदेश मंत्री मूसा जमीर और दो पूर्व राष्ट्रपतियों ने भी भारत को बधाई दी है| मालदीव ने भारत की सरकार को यह अल्टीमेटम दिया हुआ है कि वह अपने सैनिकों को दिल्ली वापस बुला ले जो फिलहाल राजधानी माले में मालदीव की मदद कर रहे हैं|

अभी हाल ही में मालदीव की सरकार ने चीन के एक जहाज को भी मालदीव की राजधानी माले के बंदरगाह को इस्तेमाल करने का आदेश दे दिया| इसको भी भारत में अच्छा नहीं माना गया. भारत को शक है कि चीन उस रिसर्च जहाज का इस्तेमाल खुफिया गतिविधियों के लिए करेगा|

भारत की आपत्ति और चिंताओं के बावजूद मालदीव का कदम चिंताजनक था| मगर क्या अब रिपब्लिक डे पर बधाई के बाद मालदीव के सुर थोड़े नरम पड़ेंगे? वक्त बताएगा. क्योंकि एक हकीकत यह भी है कि मालदीव को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ रहा है| एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव को करीब चार सौ करोड़ से अधिक नुकसान हो चुका है|

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