भोजपुरी भाषा पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया

जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बृजेश कुमार पाण्डेय ने किया।
बिषय बिन्दु विस्तारित करते हुए मंच के संयोजक नरसिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य मातृभाषा भोजपुरी के प्रति आदर, और सम्मान का भाव जगाना, भोजपुरी क्षेत्र के गौरवशाली अतीत से परिचित कराना, संवैधानिक दर्जा दिलाना तथा भोजपुरी साहित्य और संस्कृति से अश्लीलता को समाप्त करना है।
मातृभाषा में मिठास माता के दूध की तरह होता है। मातृभाषा का अनादर मां को अनादर करने के समान है। मातृभाषा जीवन की आधारशिला है। इसका सम्मान नहीं करने पर मानव जीवन के विकास और समृद्धि के दरवाजे बंद हो जाता है।
कैप्टन वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मातृभाषा भोजपुरी हीरा के समान है। इसके चमक से मनुष्य का जीवन चमक उठता है।
मंच के मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य रमेश तिवारी ने कहा कि भोजपुरी भोजपुरियो का आन, बान, शान, है। इसका झंडा हमेशा फहरना चाहिए। प्रेरणा दायक गीत,फहर फहर फहराये झंडा भोजपुरी का सुनाया।।
वीरेंद्र कुमार सिंह ने भोजपुरी पुनर्जागरण मंच की सराहना करते हुए कहा कि इनका कार्य बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य है। हम लोगों को तन मन धन से सहयोग करना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ संतोष यादव ने कहा कि, भोजपुरी भाषा हमारी मां है, अस्मिता है, संस्कृति, है , पहचान है।इसकी रक्षा करना प्रयोग करना हमारा फ़र्ज़ है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बृजेश कुमार पाण्डेय ने सबके प्रति प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन सुधीर कुमार दीक्षित ने किया।

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