दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
कुशीनगर -राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर द्वारा आज आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जयन्ती के पूर्व संध्या पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष भिक्षु डॉ नन्दरतन जी द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन किया।
प्रदर्शनी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रारम्भिक जीवन लेकर अंतिम जीवन तक के व्यक्तित्व एवं कृतित्त्व को छायाचित्रों के माध्यम दर्शाया गया है। उक्त के अतिरिक्त प्रदर्शनी में उनके सामाजिक कार्यों, एकात्म मानववाद एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उधोग आदि के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये योगदान को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि पं दीनदयाल जी साधारण जीवन ब्यतीत करने वाले व्यक्ति थे। वे एक राजनेता के साथ लेखक, सम्पादक एवं विचारक थे। पं दीनदयाल जी ने देश को मजबूत करने के लिए अंतिम पंक्ति में खड़े ब्यक्ति के विकास पर बल दिया।वे एकात्म मानव वाद के प्रणेता थे। उनका जीवन मानवता के लिए एक प्रेरक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के प्रति न्योछावर कर दिया।
अतिथियों का स्वागत एवं आभार संग्रहालयाध्यक्ष अमित कुमार द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का संचालन तेज प्रताप शुक्ला ने किया।
इस अवसर पर श्रवण कुशवाहा, धीरेंद्र मिश्रा, महेश, जितेंद्र यादव,अमित सिंह, ललित यादव, जालन्धर,गोविंद,वेग, मीरचन्द आदि उपस्थित रहे।
उक्त प्रदर्शनी 30 सितम्बर, 2023 तक प्रत्येक कार्यदिवसों में जनसामान्य के अवलोकनार्थ हेतु जारी रहेगी।