” मातृभाषा का महत्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया

संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन अरूण कुमार ने किया।

कैप्टन वीरेंद्र सिंह ने कहा कि देश के किसी कोने में जाईए भोजपुरी भाषा बोलने वाले लोग मिल जायेंगे।भोजपुरी भाषा सबके दिल को छूने वाली भाषा है।इसे संवार कर, संभाल कर रखना हम सभी लोगों का कर्तव्य है।
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के संयोजक नरसिंह ने संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातृभाषा व्यक्ति का प्राण है।, संस्कृति और पहचान है। भोजपुरी भाषा दुनिया में बोलीं जाने वाली भारत की एक मात्र भाषा है। किसी भी जनगोषठी की मातृभाषा के अवदमन का मतलब है उसकी संस्कृति और पहचान को मिटाना। स्वाभिमान, और संमान को खोना। इससे संघर्ष करने की क्षमता और विकास प्रभावित होता है। आज भोजपुरिया भाई बहिनी अपनी मातृभाषा भोजपुरी को यथोचित सम्मान नहीं करते। जिसका परिणाम सबके सामने है। आइए हम संकल्प लें कि मातृभाषा भोजपुरी को सम्मान करेंगे। भोजपुरी पढ़ेंगे, बोलेंगे , और लिखेंगे।
अध्यक्षीय भाषण करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार ने मोती बी. ए. की भोजपुरी कविता के माध्यम से संदेश दिया।

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