विश्व डेंगू दिवस
डेंगू एक वायरस जनित संक्रामक बीमारी है जो एडीज इजिप्ट मादा मच्छरों के काटने से होता है |इस मच्छर की औसत आयु मात्र एक महीना होती है |परन्तु यह अपने अल्प जीवन काल में 500 से 1000 मच्छरों क पैदा कर देती है |इस मच्छर के काटने का समय प्रातः काल और सांय काल है |
चूकिं यह मच्छर तीन फीट की ऊँचाई तक तक उड़ सकतें हैं | इसलिए यह मादा मच्छर टांगो ,में ही काटते हैं |
डेंगू रोग के प्रति लोगो को जागरूक कर डेंगू के दंश को कुंद करने के ख्याल से प्रतिवर्ष 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है |सर्वप्रथम 1779 ई . में एशिया ,अफ्रीका व उत्तरी अमेरिका में डेंगू के वायरस पाए गये | 1950 में इसका प्रकोप दक्षिण पूर्व एशिया में हो गया |विश्व स्वास्थ्य संगठन की अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार आज डेंगू के संक्रमण से पूरी दुनिया प्रभावित है | हर साल 100 से 400 मिलियन लोग डेंगू से पीड़ित होतें हैं |
डेंगू मुक्त राष्ट्र के लिए वर्ष 2023 का थीम है “डेंगू को हराने के लिए मजबूत साझेदारी करें |
डेंगू से बचाव हेतु सदैव मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए |कूलर फ्रीज आदि के पानी को निरंतर बदलते रहें |शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले वस्त्र पहने |संक्रमित होने की स्थिति में घटे हुए प्लेट लेट्स को बढाने हेतु पपीते के कोमल पत्ते का रस व नारियल पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए |
- मनोज मैथिल