जातियों की विसंगतियां दूर होने के बाद हो जातिगत जनगणना- संजय निषाद
सुलतानपुर – राष्ट्रीय अध्यक्ष, निषाद पार्टी एवं कैबिनेट मंत्री उ०प्र० सरकार डॉ संजय कुमार निषाद जनपद सुल्तानपुर के एक दिवसीय दौरे के दौरान चांदा, लम्भुआ तहसील में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा की प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में हुये UPGIS23 का आयोजन अतिसफल रहा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों से तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों का बहुमूल्य मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त हुआ, निषाद ने गलोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री सहित केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व, निवेशको , उद्यमियों व व्यापारियों तथा सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
निषाद ने कहा समिट के सफल आयोजन से दुनिया भर के दिग्गज निवेशक नये उत्तर प्रदेश में निवेश करने को आतुर हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इससे अपना प्रदेश तरक्की के पथ पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा और लाखों युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेंगे। निषाद ने बिहार राज्य में राज्य सरकार द्वारा करवाई जा रही जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि निषाद पार्टी शुरू से ही जातिगत जनगणना के पक्षधर में रही है बस जातियों की विसंगतियों को दूर करने के बाद ही जातिगत जनगणना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो जाना चाहिए कि राष्ट्रपति द्वारा जारी सेंसस मेनुअल 1961 के आधार पर मछुआ/मझवार समाज अनुसूचित का हकदार है किंतु पूर्व की सपा/बसपा/कांग्रेस की सरकार द्वारा मछुआ समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है, और पूर्व की सरकारों ने अपने केवल एक वर्ग विशेष का ध्यान और उत्थान करने लिए मझवार आरक्षण के नाम पर मछुआ समाज को फुटबॉल की तरह समझकर बरगलाने का कार्य किया और आज बिहार राज्य की सरकार भी यही कर रही है।उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि बिहार के निषाद/मछुआ समाज को अनुसूचित में गिनने का कार्य करेंगे या फिर पिछड़े वर्ग में क्योंकि जातिगत जनगणना तभी सफल होगी तब संबंधित सभी जातियों को सेन्सस मेनुअल 1961 के आधार पर गिना जाए।
निषाद ने इन्वेस्टर समिट में प्रधानमंत्री द्वारा मत्स्य विभाग में अपार संभावनाओ को लेकर किये प्रोत्साहन पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मत्स्य विभाग प्रधानमंत्री की मंशानुसार कार्य करने का काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत हम मछुआ समाज को स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रहे है, रोजगार भी दे रहे, व्यापार भी दे रहे है और व्यापार करने के लिए पूंजी भी दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मत्स्य विभाग गरीब कल्याण हेतु गाँव के निचले पायदान पर बसने वाले लोगों के उत्थान को लेकर मत्स्य विभाग 03 से 10 पैसे में मत्स्य बीज देगा और 03 महीने के बाद मत्स्य विभाग ही 03 रुपये में मत्स्य बीज को खरीद लेगा, जिससे सम्बंधित पालन परिवार का कल्याण होगा और आर्थिक रूप से सम्पन भी होगा।
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