हरियाली अमावस्या के दिन करें वृक्षारोपण
हिन्दू धर्मशास्त्र में श्रावण मास का विशेष महत्व है यह प्रकृति के श्रृंगार का मास है | इस महीने में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है | इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है |
हिन्दू धर्म ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन वृक्ष लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है | सम्पूर्ण परिवारजनों के स्वास्थ्य के लिए नीम का पौधा , संतानों के लिए केले का पौधा , पारिवारिक सुख – शान्ति के लिए तुलसी का एवं धन प्राप्ति के लिए आवले का पौधरोपण करना चाहिए |
हिन्दू धर्मग्रंथो की मान्यता के अनुसार वृक्षों पर देवी – देवताओं का निवास होता है |पीपल के वृक्ष में त्रिदेव ( ब्रम्हा , विष्णु और महेश ) का निवास होता है | आवला के वृक्ष में विष्णु का निवास होता है | इसलिए ऐसी मान्यता है कि आवंला का पूजन करने से विष्णु भार्या लक्ष्मी की कृपा से समृधि आती है |वट वृक्ष हमे मोक्ष देता है |गणेश व भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए शमी का पौधा लगाना चाहिए | शमी का पौधा रोगों से लड़ने में सहायक होता है |
हरियाली अमावस्या के दिन दान देने का विशेष महत्व है | दान के स्वरूपों में धन दान , अन्न दान , वस्त्र दान व विद्या दान है | जिसमे विद्या दान सर्वोत्तम है |
( मनोज कुमार )