संगीतमय योगाभ्यास कराया गया
देवरिया – मेहडा पुरवा स्थित वृद्धा श्रम में आज योग कक्षा के समापन दिवस के अवसर पर योग प्रशिक्षिका कुसुम मिश्र ने वृद्धजनों और आश्रमकर्मियों को संगीतमय योगाभ्यास कराया |
कपाल भाति के साथ बड़ा ही हृदयस्पर्शी भजन ” जहाँ ले चलोगो भगवान् , वही मै चलूँगा ”
अनुलोम – विलोम के समय ” दुःख भी मुझे प्यारे हैं , सुख भी मुझे प्यारें हैं
मै छोडू मै किसे भगवन दोनों ही तुम्हारे हैं ”
योग प्रशिक्षिका कुसुम मिश्रा ने अपने उद्बोधन मेंप्रतिदिन योग करने से होने वाले फायदों के बारे में बताया |उन्होंने कहा कि हमारे शरीर के डीएनए में 23 जोड़े क्रोमोजोन होते हैं , उम्र बढ़ने से इनमे पूंछ बनने लगतें हैं | जिसके कारण वृद्धावस्था में सुनने की शक्ति के साथ – साथ याद्दाश्त कमजोर होने लगती है | यदि हम नियमित रूप से योग और प्राणायाम करतें हैं तो वृद्धावस्था में जाने की प्रक्रिया धीमी होने लगती है |
- मनोज कुमार ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी वादी परिवेश में मानव की समस्त गतिविधियों का केंद्र अर्थ हो गया है | व्यक्ति ढेर सारी मानसिक और शारीरिक व्याधियों से पीड़ित हो चुका है ,नियमित योग से हम लोग इन कष्टो से मुक्ति पा सकतें है |
इस अवसर पर विजय कुमार शुक्ल( वृद्धाश्रम प्रबंधक) , विवेक कुमार शुक्ल( योग प्रशिक्षक ) , डॉ अवधेश मिश्रा , मंजूला बरनवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहें |