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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 2 Apr 2020 10:34 AM |   293 views

रामनवमी

किसी पर्व के ऐतिहासिक या पौराणिक पृष्ठभूमि को नकारा नही  जा सकता है |पर्व मानव सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं , जो पीढ़ी दर पीढ़ी तक जीवंत होतें है |पर्व अपने माध्यम से अतीत को ताज़ा रखते हुए भविष्य का रास्ता तय करते हैं |

चैत्र रामनवमी हिन्दुओ का पवित्र त्यौहार है |इसकी पृष्ठभूमि में अयोध्या के राजा दशरथ के राजमहल में माता कौशल्या के गर्भ से  मर्यादा पुरुषोत्तम राम का   जन्म होता है| पौराणिक कथाओं के अनुसार तत्कालीन समाज राक्षसों से भयाक्रांत था |साधू ,संत और सामान्य लोग त्राहि -त्राहि कर रहे थे |ऐसे काल में “परित्राणाय साधूनाम विनाशाय  च दुष्कृताम” हेतु राम का जन्म होता है |

राम -रावण युद्ध धर्म और अधर्म का प्रतीक है |इस युद्ध में धर्म या सत्य स्वरुप मर्यादा पुरुषोत्तम राम की विजय होती है |यह घटना हमे स्मरण दिलाती है कि धर्म का पथ ही जीवन का चरम और परम पथ है |जो धर्म के साथ है उसकी रक्षा स्वयं धर्म अर्थात परमपुरुष करतें हैं |

धर्मो रक्षति रक्षितः

अधर्म ,असत्य ,अनैतिकता का पथ हमे विनाश की तरफ ले जाता है | राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है ,क्योकि उन्होंने व्यक्ति ,परिवार , समाज के धर्मो को अपने जीवन में बखूबी निभाया , साथ ही साथ यह सन्देश भी दिया कि मर्यादा के उलंघन का अधिकार किसी को नही है |   

राम संस्कृत के ‘ रम ‘ धातु से बना है , रम का अर्थ है आनन्द देना , दूसरा अर्थ है रमन्ते योगिन : यास्मिन स : एव राम : अर्थात आनंदानू भूति के सह उत्स हुए   राम , ” रति महीधरः राम : यह अर्थ होता है कि परम सत्ता अर्थात परम पुरुष |

चैत्र मास से भारतीय परम्परा के अनुसार नव वर्ष का प्रारंभ हो जाता है |इस धरती के कण – कण में नया जोश ,नया उमंग , नई उम्मीदों का इजहार होने लगता है |इसी पवित्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म होता है |इसलिए यह राम कके जन्मोत्सव का पर्व है | इस पर्व की अवधि को नवरात्री भी कहा जाता है | क्योकि कहा जाता है कि “शक्ति सा शिवस्य शक्ति “ |

शक्ति तो उसी परम पुरुष की शक्ति है यथा शक्ति के विभिन्न रूपों का वर्णन  (पुराणानुसार ) पूजा भी किया जाता है |

( नरसिंह )   

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