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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 29 Sep 2018 3:51 PM |   2158 views

मधुमक्खी पालन मे रोजगार के अवसर

शहद का उपयोग हमारे दैनिक  जीवन मे बहुत है |बाज़ार से शहद खरीदने पर ताज़ा और शुद्ध नही मिल पाता है |कई लोग शहद मे गुड /चीनी आदि मिलाकर बेचते  हैं | मधुमक्खियों के पालन से आपको मोम भी प्राप्त होता है ,जिसकी मार्केट मे बहुत मांग है |आप मधुमक्खियों का पालन करके शहद ,मोम ,पराग गोंद आदि का अच्छी मात्रा मे उत्पादन कर सकते हैं |यह ब्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको खुली जगह की आवश्कता होती है, जहाँ पर आप मधुमक्खियों के पालन के लिए पेटियां रख सकें |

इसके बाद आपको मधुमक्खियों के रखाव के लिए पेटियां खरीदनी होतीं है |इन पेटियों मे ही मधुमक्खियाँ आतीं हैं  |अपने देश मे एपिस ,मेलिफेरा ,एपिस फ्लोरिया ,एपिस डोरसाटा एपिस इंडिका मधुमक्खियाँ पायी जाती हैं |नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विद्यालय कुमारगंज फैजाबाद द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बरा सिन सुल्तानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि एपिस मेलीफेरा सबसे ज्यादा शहद बनाने वाली और अंडे देने वाली मधुमक्खी होती हैं |इसके अलावा इस ब्यवसाय के लिए चाक़ू रिमूविंग मशीन और शहद एकत्रित करने के लिए ड्रम की आवश्यकता होती है |इसके बाद एक सबसे जरुरी साधन की जरूरत होती है ,वो है शहद निकालने की मशीन |

यदि बेरोजगार युवा मधुमक्खी पालन के ब्यवसाय को एक अच्छे स्तर पर करना चाहते हैं तो मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण को कर सकतें हैं |इस प्रशिक्षण को करने के बाद आप कई बेहतर तरीके से इस ब्यवसाय का संचालन कर सकते हैं |मधुमक्खी पालन के लिए सबसे बेहतर समय अक्टूबर से फ़रवरी का महिना होता है |कभी भी मध्मक्खी पालन साफ़ -सुथरी जगह पर करना चाहिए |जहाँ पर फूलों की खेती हो वहां मधुमक्खी पालन का ब्यवसाय ज्यादा चल सकता है क्योकि मधुमक्खी जितना फूलों पर जाकर रस लेती है ,उतना ही अच्छा शहद हमे प्राप्त होता है |       

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