धान की फसल में प्रबंधन जरुर करें – प्रो. रवि प्रकाश

तना छेदक कीट की मादा धान की पत्तियों पर समूह में अण्डा देती है ।अण्डों से सूडियाँ निकल कर तनों में घुसकर मुख्य गोभ को क्षति पहुँचाती है ,जिससे बढ़वार की अवस्था मे मृत गोभ तथा बालियां आने पर सफेद बाली दिखाई देती है। इसके प्रबंधन के लिये कारटेप 50 डब्ल्यू. पी. 500 ग्राम या कोरेजन 18.5 एस.सी. 150 मिली को 500 ली.पानी मे घोल कर प्रति हैक्टेयर में छिड़काव करें। या कारटाप हाईड्रोक्लोराइड 4 जी. 20 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से 3-4 सेमी.स्थिर पानी मे बिखेर दे।

शीथ ब्लाइट रोग मे पत्र कंचल (तना से सटा हुआ भाग) पर अनियमित आकर के धब्बे बनते है, जिसका किनारा गहरा गहरा भूरा तथा मध्य भाग हल्के रंग का होता है। इसके प्रबंधन के लिये हेक्साकोनोजोल 5 प्रतिशत ई.सी. 1 लीटर या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यू. पी. 500 ग्राम को 500 लीटर पानी मे घोल कर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करे।
Facebook Comments